
Ranchi : झारखंड में कोरोना वायरस को रोकने के लिए लॉकडाउन का रविवार को पांचवा दिन है. 21 दिनों के लॉकड़ाउन के बाद जीविका का साधन बंद होने के बाद कई लोगों के सामने आर्थिक संकट आ सकता है. इसका असर निजी स्कूलों में अपने बच्चों के पढ़ा रहे अभिभावकों पर भी पड़ना तय है. इसे देखते हुए राज्य के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने राज्यवासियों की भावना को साझा किया है.
@HemantSorenJMM कोरोना महामारी के इस संकट काल मे , झारखण्ड वासियों के सुझाव को हृदय से स्वीकार करते हुए मैंने,राज्य के सभी निजी विद्यालयों से अपील की है कि, लॉक डाउन अवधि में विद्यालय प्रबंधन,बच्चों से कोई शुल्क ना लें। इसके लिए शीघ्र हीं सर्वहित से परिपूर्ण आदेश ,निर्गत करेंगे।
— Jagarnath Mahto (घर में रहें – सुरक्षित रहें) (@Jagarnathji_mla) March 29, 2020
उन्होंने कहा है कि कोरोना महामारी के इस संकट काल में राज्य के कई लोगों ने उनसे निजी स्कूलों की फीस अगले तीन माह तक नहीं लेने की अपील की है. इसे देखते हुए शिक्षा मंत्री ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को जानकारी देते हुए कहा है कि झारखंडवासियों के सुझाव को हृदय से स्वीकार करते हुए उन्होंने राज्य के सभी निजी स्कूलों से अपील की है कि लॉकडाउन अवधि में विद्यालय प्रबंधन बच्चों से कोई शुल्क ना लें. शिक्षा मंत्री ने यहां तक कहा है कि इसके लिए वे जल्द ही सर्वहित से परिपूर्ण आदेश जारी करेंगे.
इसे भी पढ़ें – #COVID2019india: यूथ कांग्रेस ने जिलेवार और रांची जिला प्रशासन ने वरिष्ठ नागरिकों के लिए जारी किया हेल्पलाइन नंबर
शिक्षा मंत्री से की गयी थी मांग
बता दें कि सोशल मीडिया ट्विटर में कुछ लोगों ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और शिक्षा मंत्री से निवेदन किया है कि राज्य में सभी निजी स्कूलों में कक्षा 1 से 9 एवं 11 वीं के सभी छात्र छात्राओं को अगले क्लास में प्रमोट किया जाये.
साथ ही तीन महीने का फीस भी माफ किया जाये. लॉकडाउन की अवधि में लोगों के सामने आर्थिक संकट को देखते हुए उन्होंने निजी स्कूल प्रबंधकों से यह अपील की है.
इसे भी पढ़ें – #MannKiBaat में पीएम मोदी ने #LockDown21 में हो रही परेशानियों के लिए मांगी माफी, कहा- जरूरी था
आर्थिक संकट का किया जा सकता है सामना
बता दें कि केंद्र के निर्देश के बाद राज्य सरकार ने लॉकडाउन की अवधि में सभी लोगों के घर से बाहर निकलने पर पाबंदी लगा दी है. ऐसे में कई लोगों के सामने जीविकोपार्जन का संकट खड़ा हो गया है. हालांकि सरकार इस बात को लेकर प्रयासरत है कि लोगों के समक्ष उनकी मूलभूत सुविधाओं की कोई कमी न हो.
लेकिन कोरोना संकट से उबरने के बाद आर्थिक संकट का दौर आने पर कई अभिवाहकों को फीस भरने में परेशानी आ सकती है.
इसे भी पढ़ें –#LockDown21: जरूरतमंदों का पेट भर रही राज्य पुलिस, 15,000 लोगों को खिलाया खाना