
Ranchi : राज्यपाल रमेश बैस ने कहा कि शिक्षा का हम सभी के जीवन में महत्वपूर्ण स्थान है. शिक्षा व्यक्ति को ज्ञान प्राप्त करने और जीवन में आत्मविश्वास बढ़ाने में मदद करती है. उन्होंने कहा कि आपके जीवन में सही निर्णय लेने में मदद करती है. शिक्षित व्यक्ति ही समाज में महान नागरिक बन सकता है. शिक्षा से व्यक्ति के व्यक्तित्व का विकास होता है. व्यक्ति प्रतिकूल परिस्थितियों में चुनौतियों का बेहतर सामना कर सकता है. राज्यपाल श्री बैस शुक्रवार को एसौचैम द्वारा आयोजित “Education Excellence Summit cum Awards Virtual Meet” को संबोधित कर रहे थे.
शिक्षा के बिना हम अधूरे


राज्यपाल ने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य व्यक्ति के चरित्र का निर्माण करना है. हमारे विद्यार्थी जीवन के उचित मार्ग पर चलते हुए स्वयं के लिए सम्मानजनक आजीविका के साधन प्राप्त करें. साथ ही देश के एक बेहतर नागरिक के रूप में अपने कर्तव्यों का निर्वहन करें. राज्यपाल ने कहा कि हम बिना अच्छी शिक्षा के अधूरे हैं, क्योंकि शिक्षा और ज्ञान ही हमें सही सोचने और सही निर्णय लेनेवाला बनाती है.


राज्यपाल ने कहा कि साक्षरता और शिक्षा के बीच मुख्य अंतर यह है कि साक्षरता किसी व्यक्ति को पढ़ने और लिखने की क्षमता को संदर्भित करती है, जबकि शिक्षा ज्ञान, कौशल, मूल्य, नैतिकता, आदतें और विश्वास प्राप्त करने की प्रक्रिया को संदर्भित करती है. इसलिए साक्षरता शिक्षा की ओर सिर्फ एक कदम है.
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ज्ञान का कभी अंत नहीं होता और इसे अर्जित करने की भी कोई सीमा या उम्र नहीं होती है. लेकिन पाया जाता है कि सरकार द्वारा संचालित विद्यालयों में इन प्रतिभावान छात्रों में अधिकांश ने शिक्षा हासिल नहीं की. वे उच्च शिक्षा हासिल करने व प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी के लिए अक्सर राज्य के बाहर जाते हैं.
राज्यपाल ने कहा कि एसोचैम सामाजिक दायित्वों के तहत शिक्षा से वंचित लोगों के बीच पहुंचकर उनकी समस्याओं को जानकर शिक्षा हासिल करने में आ रही उनकी अड़चनों को दूर कर सकती है.
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सरकारी विद्यालयों की स्थिति में सुधार लाने की दिशा में काफी प्रयास करना होगा
राज्यपाल ने कहा कि झारखंड टेन प्लस टू (10+2) तक की शिक्षा के लिए एजुकेशन हब के रूप में जाना जाता है. यहां कई अच्छे विद्यालय हैं लेकिन अभी भी हमें सरकारी विद्यालयों की स्थिति में सुधार लाने की दिशा में काफी प्रयास करना होगा.
राज्य में स्थापित नेतरहाट आवासीय विद्यालय की पूरे देश में ख्याति थी, कभी यह नामचीन विद्यालय के रूप में पूरे देश में जाना जाता था. लेकिन आज इसकी स्थिति पूर्व की तरह नहीं है, हमें इन कारणों को जानकर उनका निदान करना होगा.
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विश्वविद्यालयों की दशा में सुधार लाने के लिए प्रयास हो रहे हैं
राज्य में स्थापित विश्वविद्यालयों की दशा में सुधार लाने के लिए प्रयास किये जा रहे हैं. विद्यार्थियों को यहां की शिक्षण संस्थानों में उत्कृष्ट शिक्षा मिले. ताकि, हमारे विश्वविद्यालय नामचीन विश्वविद्यालयों में शुमार हों.
गुणात्मक शिक्षा पर विशेष ध्यान देने की जरूरत
राज्यपाल ने कहा कि उच्च शिक्षा की गति में सुधार लाने की दृष्टि से निरंतर विश्वविद्यालयों के कुलपतियों, उच्च एवं तकनीकी शिक्षा समेत अन्य विभागों के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक करते हैं. राज्य में कई निजी विश्वविद्यालय भी हैं. कुलपतियों को कहा है कि वे छात्रहित में सरकार एवं यूजीसी द्वारा निर्धारित मापदंडों का पालन सुनिश्चित करें.
राज्यपाल ने कहा कि हमें गुणात्मक शिक्षा पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है. हमारे शिक्षकों को विद्यार्थियों के बेहतर भविष्य के बारे में सदा सोचना होगा और उनके सामने अच्छा आचरण रखना होगा ताकि विद्यार्थी उनसे प्रेरित हो सकें.
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