
New Delhi: पिछले कई महीनों से देश में आर्थिक मंदी का दौर है. आर्थिक मोर्चे से फिर निराश करने वाली खबर सामने आयी है. भारत का मौजूदा आर्थिक माहौल हमारे पूर्व अनुमान से भी कमजोर है और उसे जल्द ही महत्वाकांक्षी संरचनात्मक और वित्तीय सुधार करने की जरूरत है, ताकि मध्यावधि में राजकोष बढ़े.
भारत को अधिक महत्वाकांक्षी रणनीतिक एवं वित्तीय सुधारों पर अमल करने की तत्काल जरूरत है. अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने हाल ही में पेश किए बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए यह बात कही.
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अनुमान से ज्यादा खराब हालात- आइएमएफ


आइएमएफ के प्रवक्ता गैरी राइस ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा इस महीने पेश किए गए बजट के बारे में पूछे जाने पर कहा कि भारत की आर्थिक परिस्थितियां आइगएमएफ के पहले के पूर्वानुमानों की तुलना में कमजोर हैं.
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘बजट में विभिन्न क्षेत्रों पर किये जा रहे प्रयासों पर ध्यान दिया गया है, लेकिन कर्ज के बढ़ते स्तर को देखते हुए भारत को मध्यम अवधि में राजकोषीय स्थिति सही करने की रणनीति अपनाने तथा अधिक महत्वाकांक्षी रणनीतिक एवं वित्तीय सुधारों पर अमल करने की तत्काल जरूरत है.’’
राइस ने कहा, ‘परिस्थितियां हमारे पहले के पूर्वानुमानों की तुलना में कमजोर हैं. अत: इस साल अधिक उदार राजकोषीय रुख की जरूरत है.’
गौरतलब है कि IMF ने जनवरी महीने में भारतीय अर्थव्यवस्था में बढ़त के अनुमान को काफी घटा दिया है. आइएमएफ ने चालू वित्त वर्ष में भारत की वृद्धि दर का अनुमान जनवरी में घटाकर 4.8 प्रतिशत कर दिया है. आइएमएफ ने कहा कि भारत और इसके जैसे अन्य उभरते देशों में सुस्ती की वजह दुनिया के ग्रोथ अनुमान को उसे घटाना पड़ा है.
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