
New Delhi: वित्त मंत्री के दावों के उलट चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में GDP में 7.5 फीसदी की गिरावट आयी है. सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने एक बयान में यह जानकारी दी है.
बयान के मुताबिक कोविड-19 महामारी और इससे जुड़े लॉकडाउन के कारण पहली तिमाही में जीडीपी में 23.9 फीसदी की अभूतपूर्व गिरावट आयी थी.
पिछले वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में जीडीपी में 4.4 फीसदी की बढ़ोतरी हुई थी. लगातार दो तिमाही में निगेटिव ग्रोथ को तकनीकी तौर पर मंदी माना जाता है. यानी सरकार ने आधिकारिक तौर पर मंदी को स्वीकार कर लिया है.
अर्थव्यवस्था में मान्य परिभाषा के मुताबिक अगर किसी देश की जीडीपी लगातार दो तिमाही निगेटिव में रहती है यानी ग्रोथ की बजाय उसमें गिरावट आती है तो इसे मंदी की हालत मान लिया जाता है.
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प्रमुख उद्योगों के उत्पादन में गिरावट
अक्टूबर में आठ प्रमुख उद्योगों के उत्पादन में 2.5 फीसदी की गिरावट आयी. कोयला, कच्चाम तेल, उर्वरक, स्टी,ल, पेट्रो रिफाइनिंग, बिजली और नेचुरल गैस उद्योगों को किसी अर्थव्यनवस्थाट की बुनियाद माना जाता है. यही आठ क्षेत्र कोर सेक्टनर कहे जाते हैं.
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