
Mumbai : अर्थव्यवस्था पर संकट गहराता जा रहा है. मौजूदा वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही, जुलाई-सितंबर तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट गिरकर 4.5 प्रतिशत पर आ गया है. जान लें कि पिछले 6 साल में यह भारतीय अर्थव्यवस्था की सबसे धीमी विकास दर है. एक साल पहले विकास दर 7 प्रतिशत थी. पिछली तिमाही में यह 5 प्रतिशत थी.
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा शुक्रवार को जारी जीडीपी आंकड़ों के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2019-20 (जुलाई-सितंबर) के दौरान स्थिर मूल्य (2011-12) पर जीडीपी 35.99 लाख करोड़ रुपये रही, जो पिछले साल इसी अवधि में 34.43 लाख करोड़ रुपये थी .इसी तरह दूसरी तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर 4.5 प्रतिशत रही.
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तीसरी तिमाही से रफ्तार की उम्मीद : मुख्य आर्थिक सलाहकार
हालांकि जीडीपी के निराशाजनक आंकड़ों पर सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार केवी सुब्रमण्यन ने कहा है कि तीसरे क्वॉर्टर में जीडीपी रफ्तार पकड़ सकती है. उन्होंने कहा, हम एक बार फिर कह रहे हैं कि भारतीय अर्थव्यवस्था की बुनियाद मजबूत बनी रहेगी .तीसरी तिमाही में जीडीपी के रफ्तार पकड़ने की उम्मीद है.
जहां तक कोर सेक्टर की बात है तो अक्टूबर महीने में 8 कोर सेक्टरों का इंडस्ट्रियल ग्रोथ -5.8 प्रतिशत रहा है . जुलाई-सितंबर तिमाही में कृषि, वानिकी और मत्स्य पालन क्षेत्र में 2.1 प्रतिशत और खनन और उत्खनन में 0.1 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी . विनिर्माण क्षेत्र में इस दौरान एक प्रतिशत की गिरावट रही .इन तीनों समूहों के खराब प्रदर्शन के कारण आर्थिक वृद्धि दर कमजोर रही .
इसके अलावा बिजली, गैस, जल आपूर्ति और अन्य उपयोग की सेवाओं के क्षेत्र में चालू वित्त वर्ष जुलाई-सितंबर तिमाही में 3.6 प्रतिशत और निर्माण क्षेत्र में 3.3 प्रतिशत वृद्धि रहने का अनुमान लगाया गया है .आलोच्य तिमाही में सकल मूल्य वर्द्धन यानी ग्रॉस वैल्यू एडेड (जीवीए) 4.3 प्रतिशत रहा .जबकि एक साल पहले 2018-19 की इसी तिमाही में यह 6.9 प्रतिशत थी.
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राजकोषीय घाटा के मोर्चे पर बुरी खबर
राजकोषीय घाटा के मोर्चे पर भी बुरी खबर आयी है .2018-19 के पहले 7 महीनों यानी अप्रैल से अक्टूबर के बीच ही राजकोषीय घाटा मौजूदा वित्त वर्ष के लक्ष्य से ज्यादा हो गया है .पहले 7 महीनों में राजकोषीय घाटा 7.2 ट्रिलियन रुपये (100.32 अरब डॉलर) रहा जो बजट में मौजूदा वित्त वर्ष के लिए रखे टारगेट का 102.4 प्रतिशत है.
सरकार द्वारा शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार अप्रैल से अक्टूबर की अवधि में सरकार को 6.83 ट्रिलियन रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ, जबकि खर्च 16.55 ट्रिलियन रुपये रहा.
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