
Kolkata : ईसीएल के राजमहल एरिया करार से प्रत्येक माह ज्यादा बिजली खपत किये जाने पर झारखंड ऊर्जा वितरण निगम लिमिटेड को प्रत्येक महीना छह लाख रुपया जुर्माने के रूप में देना पड़ रहा है. जिससे कंपनी को सालाना 72 लाख रुपए का नुकसान हो रहा है. ईसीएल प्रबंधन ने इस पर रोक लगा दी है. महाप्रबंधक (ई एंड एम) एचसी ओझा ने कहा कि पॉवर डिमांड को लेकर कंपनी को पेनाल्टी देनी पड़ रही थी.
यह पेनाल्टी वर्ष 2011 से दी जा रही थी. कहा कि सात वर्षों में अबतक लगभग छह करोड़ रुपये दिये जा चुके हैं. उन्होंने कहा कि पेनाल्टी पर रोक लगाने को लेकर झारखंड ऊर्जा वितरण निगम लिमिटेड के साथ बैठक की तथा बातचीत कर समस्या का समाधान निकाला. जितनी बिजली हमें चाहिए उतने का फिर से करार किया गया. अब ईसीएल को पेनाल्टी नहीं भरनी पड़ेगी.
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एनटीपीसी को कहा गया है कि अपनी लाईन हटा लें
एचसी ओझा कहा कि फरक्का लालमटिया ट्रांसमिशन लाईन की देखरेख करने के लिए एनटीपीसी को सालाना 5.6 करोड़ रुपया देना पड़ रहा था. इससे कंपनी को काफी नुकसान हो रहा था. इस पर रोक लगाने को लेकर झारखंड ऊर्जा वितरण निगम लिमिटेड द्वारा देखरेख करने का निर्णय लिया गया है. इसे कोल इंडिया में स्वीकृति के लिए भेजा गया है.
स्वीकृति आते ही मेंटनेंस का पैसा भी बंद कर दिया जायेगा. उन्होंने कहा कि फरक्का लालमटिया ट्रांसमिशन लाईन वर्ष 1991 से चल रही है जो काफी जर्जर हो चुकी है. एनटीपीसी को कहा गया है कि अपनी लाईन हटा लें. अब ईसीएल. मेंटनेंस के लिए खर्च अब नहीं देगी. श्री ओझा ने कहा कि इस प्रकार से कंपनी को सालाना लगभग सात करोड़ रुपए की बचत होगी.
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