East Singhbhum: पूर्वी सिंहभूम जहां बड़े-बड़े इंडस्ट्री के रूप में देश दुनिया में जाना जाता है, वही जिले में मनरेगा मजदूरों की समस्या से निजात दिलानेवाला कोई नजर नहीं आता. जिले के बोड़ाम प्रखंड के डांगडुग गांव के अनेक नरेगा मज़दूरों की अगस्त 2018 (व उसके बाद के महीनों) में किए गए काम की मज़दूरी का भुगतान अभी भी बकाया है.
मजदूरों को अक्टूबर में पता चला कि इनका भुगतान बैंक ऑफ़ इंडिया के खाते (जो ये आम तौर पर प्रयोग करते हैं) में ना जाकर उनके ICICI बैंक खाते में चली गयी. ये खाते FINO पेमेंट्स बैंक नामक निजी कंपनी द्वारा 2012-13 में खोले गए थे. लेकिन इसकी जानकारी मज़दूरों को नहीं दी गई.
अब किसी कारण से ICICI ने कई मज़दूरों के ऐसे खातों को आंशिक तौर पर फ्रीज कर दिया है. जिसके कारण इन खातों में पैसे जमा हो सकते हैं लेकिन निकाले नहीं जा सकते. ऐसे में मज़दूर अपने पैसे नहीं निकाल पा रहे हैं.
ICICI और FINO के अधिकारियों के अनुसार, खातों को फिर से चालू करने के लिए आधार-आधारित e-KYC करना होगा. इस काम में भी कई तकनीकी पेंच है.
क्या कहते हैं मजदूर
वीडियो साभार- नरेगा संघर्ष मोर्चा
लंबित मज़दूरी की शिकायत मजदूरों ने प्रखंड प्रशासन और विभाग से कई बार की, लेकिन किसी प्रकार की कार्यवाई नहीं की गयी है.
सामाजिक सुरक्षा पेंशन से भी वंचित
इतना ही नहीं इस गांव के चिन्ग्रागोड़ा टोले में 22 परिवारों में से केवल 2 लोगों को ही सामाजिक सुरक्षा पेंशन मिलती है. इस टोले के कम-से-कम 9 वृद्ध अपनी सामाजिक सुरक्षा पेंशन के अधिकार से वंचित हैं. इनमें से 3 महिलाओं को पेंशन मिलता था, लेकिन 2 वर्षों से वो बंद है. लोगों ने कई बार पेंशन के लिए आवेदन भी दिया है.
वीडियो साभार- भोजन का अधिकार, झारखंड
मजदूरों की समस्यों को लेकर राजनीतिक दलों की उदासीनता भी जिम्मेवार नजर आती है. मनरेगा मजदूरो के रोजगार और पेंशन के अधिकारों के हो रहे हनन पर सब चुप है.
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