
Jamshedpur : पूर्वी सिंहभूम जिले की ग्राम पंचायतों में कूड़े के उठाव और निष्पादन की व्यवस्था नहीं होने से नारकीय स्थिति के मामले पर महानगर भाजपा के पूर्व प्रवक्ता अंकित आनंद ने सरकार और जिला प्रशासन का ध्यान खींचा है. सरकार पर ग्राम पंचायतों की अनदेखी और संसाधन मुहैया नहीं कराने का आरोप लगाते हुए अंकित ने ट्वीट करते हुए सवाल पूछा है कि आखिर स्वच्छता को एक ही जिले में दो तरह की व्यवस्थाएं क्यों लागू हैं. जहां एक ओर जमशेदपुर अक्षेस, मानगो सहित जुगसलाई नगरपालिका लगातार अपने क्षेत्रों में सफाई को लेकर व्यापक अभियान संचालित करती है, वहीं दूसरी ओर ग्राम पंचायतों में इस व्यवस्था का घोर अभाव है.
यहां वर्षों से जमे कूड़े के ढेर, बजबजाती नालियां, सड़कों पर बहता दूषित पानी, सड़ांध इत्यादि स्वच्छता की नारकीय स्थिति को उजागर करते हैं. भाजपा नेता ने इस व्यवस्था पर तंज कसते हुए पूछा कि स्वच्छता की रैंकिंग करने वाली एजेंसियां हमारे पंचायत क्षेत्रों का दौरा क्यों नहीं करतीं, ताकि जमीनी हकीकत से सामना हो. सक्षम विभागों को लाखों-करोड़ों की पुरस्कार राशियां आवंटित हो रही हैं, लेकिन पंचायतों में जहां व्यवस्था नदादर है वहां इसकी शुरुआत करने को लेकर इच्छाशक्ति न शासन दिखा रहा है और ना ही जिला प्रशासन. वहीं ग्राम पंचायतों के निर्वाचित प्रतिनिधि तो पहले से ही फंड न होने का रोना रोते रहते हैं. ग्राम पंचायतों में नियमित स्वच्छता अभियान शुरू हो, इसको लेकर अंकित ने स्वच्छाग्रह आंदोलन का ऐलान किया है. इस कड़ी में लोगों के मध्य जागरुकता अभियान के साथ ही जनप्रतिनिधियों, विभिन्न पार्टियों के बड़े नेताओं, अपार्टमेंट्स, संस्थाओं के साथ ही जिला प्रशासन से शीघ्र पहल करने का आग्रह करेंगे.
जुगसलाई विधायक मंगल कालिंदी के प्रयासों को सराहा
अंकित ने जुगसलाई विधायक मंगल कालिंदी के स्तर से सफाई अभियान को लेकर की जा रही कवायदों को सराहा है. कहा कि वर्षों से ग्राम पंचायत के लोग गंदगी के बीच नारकीय व्यवस्था के मध्य रहने को मजबूर थे, लेकिन यह अच्छा संकेत है कि जुगसलाई विधायक मंगल कालिंदी ने इस दिशा में चिंता की और लोगों की असुविधाओं को समझते हुए खड़ंगाझार ग्राम पंचायत को अपने विधायक निधि से दो कूड़ा उठाने वाले ईरिक्शा समर्पित करने जा रहे हैं. अंकित विधायक मंगल कालिंदी को सुझाव दिया कि प्रखंड विकास पदाधिकारी सहित ग्राम पंचायतों के निर्वाचित प्रतिनिधियों संग समन्वय बनाकर हर पंचायत में स्वच्छता समिति का गठन किया जाए और इन समितियों के मार्फत एक निर्धारित शुल्क तय हो जो घर-घर से कूड़ा उठाव के एवज में देय हो।


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