
Dharmendra Pathak
Chatra : मेरे भाई को जेल में डाल दीजिए सर, बच्चा वाला जेल में. वो बहुत ड्रग्स लेता है. उसको बचा लीजिये सर.अभी से चोरी करने लगा है कल कोई बड़ा क्रिमिनल बन आएगा. ये किसी फिल्म का डायलॉग नहीं है. बल्कि एक बहन के द्वारा अपने 14 वर्षीय भाई जो ड्रग्स की चपेट में आ गया है उसी को बचाने के लिए पुलिस पदाधिकारियों के समक्ष लगाई जाने वाली फरियाद है.
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जी हां कुछ ऐसा ही दिल को झकझोर देने वाला नज़ारा सदर थाना में देखने को मिला. जहां एक बहन अपने 6 माह के बच्चे को गोद में लिए सदर थाना पहुंची हुई थी.जैसे ही सदर थाना में एक प्रेस कांफ्रेंस को सम्बोधित करके चतरा एसडीपीओ अविनाश कुमार बाहर निकले, वैसे ही गोद में बच्चे को ली हुई महिला अपने 14 वर्षीय मासूम भाई को बचा लेने के लिए गिड़गिड़ा उठी. रोते हुवे उसने सारी बातों को बताया. उसने कहा कि उसका भाई बहुत ड्रग्स लेता है. उसको ड्रग्स छुड़वाने के लिए उसने सब कुछ किया. परन्तु वह उसे इस नशे के दलदल से नहीं निकाल पायी. उसने बताया कि यदि वो चतरा से बाहर रहेगा तो ड्रग्स पीना छोड़ देगा. इसके लिए उसे कुछ दिन के लिए कोलकाता भेज दिया गया. वहां से भी भाग आया, फिर उसे छत्तीसगढ़ भेज दिया गया, वहां से भी भाग आया, फिर उसे दिल्ली भेजा गया, वहां से भी वह भाग आया, परन्तु ड्रग्स की लत नहीं छूटी. उसने पुलिस अधिकारी से भाई को जेल में डालने की विनती की. बहन ने कहा कि उसे जेल डाल दीजिए सर, वहां उसे लिए ड्रग्स नहीं मिलेगा तो इसका लत भी छूट जाएगा और इसकी जान भी बच जाएगी.
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ऐसा नहीं है कि चतरा में सिर्फ यही एक 14 वर्षीय बालक है जो ड्रग्स पीता है बल्कि इसके चपेट में फिलहाल 25 प्रतिशत युवा पीढ़ी आ चुकी है. कई युवा इसके चपेट में आकर अपनी जान भी दे चुके हैं. परन्तु कम समय में धनवान बनने की इच्छा लेकर इस गलत काम को करने वाले लोग ये कैसे भूल गए हैं कि वे स्वयं और उन्हींके कई रिश्तेदार भी इसके चपेट में हैं.अगर समय रहते नशे के कारोबारियों पर शिकंजा नहीं कसा गया तो आने वाली युवा पीढ़ी पूरी तरह से बर्बाद और तबाह हो जाएगी. एसडीपीओ उस लाचार बहन की बात सुनकर बहुत मर्माहत हुवे. उन्होंने कहा कि नशे के सौदागरों पर शिकंजा कसने के लिए एसपी व डीसी सभी गम्भीर हैं. लगातार कार्रवाई भी की जा रही है. परन्तु इस बच्चे को किस आरोप में जेल भेज दें समझ में नहीं आता है.
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