
Ranchi: अगले कुछ दिनों में राज्य सरकार के तीन वर्ष पूरे होने को हैं. इस मौके पर प्रदेश के सुखाड़ प्रभावित किसानों को राहत देने की विशेष पहल होगी. कृषि मंत्री बादल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में आज बताया कि सुखाड़ राहत, ऋण माफ़ी और अन्य विषयों को लेकर आज जिलों के डीसी और अन्य अधिकारियों संग वीडियो कान्फ्रेंसिंग किया गया था. इस दौरान 22 जिलों के 226 प्रखंडों में सुखाड़ की विकट स्थिति को देखते किसानों को मदद पहुंचाने पर चर्चा हुई. सरकार की ओर से भुक्तभोगी किसानों को एक राशन कार्ड पर 3500 रुपये प्रति व्यक्ति दिए जाएंगे. इसके लिए निकटवर्ती प्रज्ञा केंद्र के माध्यम से 1 रुपये टोकन के साथ किसान आवेदन करेंगे. इसके अलावा कोई शुल्क उनसे नहीं लिया जाएगा. जहाँ सुखाड़ नहीं है, फसल राहत स्कीम के जरिये किसानों को मदद देनी है. फसल राहत के लिए बंद पडे पोर्टल को चालू कर दिया जाएगा. इस दौरान कृषि निदेशक निशा उरांव, पशुपालन निदेशक शशि प्रकाश झा सहित अन्य पदाधिकारी भी उपस्थित थे.
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केंद्र से भी अधियाचना
बादल ने बताया कि राज्य में सुखाड़ की स्थिति के आधार पर किसानों की मदद को केंद्र के पास भी अधियाचना भेजी है. अलग अलग कार्यों, जरूरतों के आधार पर 9139 करोड़ 80 लाख रुपये की मदद उपलब्ध कराए जाने को कहा है. केंद्र की टीम जल्द ही राज्य आकर अलग अलग जगहों का दौरा करेगी. उनसे एनडीआरएफ के प्रावधानों के आधार पर राज्य के लिए मदद मांगी जाएगी. अब केंद्र झारखंड की अधियाचना पर क्या फैसला लेता है, देखने की बात है.
लोन माफी के लिए 4 लाख किसान रजिस्टर्ड
कृषि विभाग के पास अब तक उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक 9 लाख किसानों में से 4 लाख किसानों का आवेदन केवाइसी के साथ प्राप्त हुआ है.लगभग 2 लाख का ई केवाइसी नहीं हो सका है. ऐसे में डीसी से कहा गया है कि जिनका आवेदन खारिज हुआ है, उन्हें कारण के साथ सूचना दें. जिनके आवेदन ई केवाइसी के योग्य हों, उस पर यथाशीघ्र कार्रवाई हो. सरकार के पास बजट के पैसे रखे हैं. लोन माफी का लाभ अधिक से अधिक किसानों को दिलाना है. पिछले दिनों सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के तहत जिलों, प्रखंडों में कैंप लगाए गए थे. इसमें 18 जिलों से 34 हजार आवेदन सीएम पशुधन स्कीम के लिए आए. 10 दिसम्बर तक इसका निष्पादन करने का लक्ष्य है. सीएम पशुधन में सब्सिडी को अब 75 फीसदी तक बढाया गया है. एखल, विधवा महिलाओं और दिव्यांगों को इसमें 90 फीसदी से अधिक सब्सिडी मिलेगी.
स्मार्ट विलेज के लिए जनप्रतिनिधि करें सहयोग
बादल ने सभी जनप्रतिनिधियों और जिलों से 100 स्मार्ट विलेज के निर्माण में सहयोग मांगा. कहा कि पूर्व में सांसदों, विधायकों से स्मार्ट विलेज के चयन के लिए अनुशंसा मांगी गई थी. अब तत 39 गांवों के लिए ही अनुशंसा मिल सकी है.15 दिसम्बर तक अगर अनुशंसा बाकी विलेज के लिए नहीं मिली तो विभाग अपने स्तर से ही विलेज चयनित कर लेगा. कृषि विभाग की सभी तरह की योजनाओं, कार्यक्रमों का जमीनी फलाफल स्मार्ट विलेज में दिखेगा. दूसरे गाँव भी इससे प्रोत्साहित होंगे.
मार्केटिंग बोर्ड को प्रभावी बनाने के सवाल पर बादल ने कहा कि पूर्व में राजभवन से कुछ आपत्तियों के साथ प्रस्ताव लौटाए गये थे. इसका निराकरण हो चुका है. जल्द ही कैबिनेट से सहमति के बाद फिर से राजभवन को भेजा जाएगा.