Ranchi : बरही के चिकित्सक और समाजसेवी डॉ रामानुज अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ रविवार को आजसू पार्टी में शामिल हुए. पार्टी द्वारा आयोजित मिलन समारोह में डॉ रामानुज ने आजसू का दामन थामा. मौके पर आजसू पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष सुदेश महतो ने कहा है कि जमीनी विषयों को समझने वाले और बौद्धिक तौर पर मजबूत युवाओं की राजनीति में जरूरत है. उन्होंने डॉ रामानुज का स्वागत करते हुए कहा कि गांवों-कस्बों में महत्वपूर्ण सेवा से जुड़े युवाओं के सार्वजनिक जीवन में आने से झारखंड में बदलाव की संभावनाएं भी तेज होगी.
उन्होंने कहा कि राजनीति में सोच और नीयत ज्यादा महत्वपूर्ण होती है. इन दोनों चीजों के स्पष्ट और मजबूत होने से सकारात्मक दिशा तय की जा सकती है. झारखंड की राजनीति में समाज के हर वर्ग के लोगों की भागीदारी जरूरी है. इस भागीदारी से ही विचार बड़े होंगे. उन्होंने कहा कि स्वराज स्वाभिमान यात्रा के जरिए उन्होंने आखिरी कतार में शामिल लोगों को आगे लाने की कोशिशें की गयी हैं. इससे भी राजनीति की धार बदलने वाली है.
आजसू के लिए सिपाही की तरह काम करुंगा : डॉ. रामानुज
मौके पर डॉ रामानुज ने कहा कि उन्होंने आजसू पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष के विचारों को परखने के बाद ही यह फैसला लिया है. मुझे इसकी खुशी होगी कि अब वे स्वराज स्वाभिमान यात्रा में एक मजबूत सिपाही के तौर पर शामिल हो सकेंगे. उन्होंने कहा कि आजसू पार्टी की नीति सिद्धांत के अनुरूप जो भी जिम्मेदारी दी जाएगी, उसका निर्वहन करते रहेंगे. हजारीबाग और बरही इलाके में आजसू का लंबे समय से लोगों के साथ सीधा जुड़ाव रहा है. उस रिश्ते को आगे बढ़ाने के लिए वे हर संभव प्रयास करेंगे.
कुछ गिने-चुने लोगों ने झारखंड को बना रखा है गुलाम
समारोह के अध्यक्षता करते हुए हजारीबाग जिलाध्यक्ष विकास राणा ने कहा कि आजसू परिवार में डॉ रामानुज जैसे समाजसेवी युवा का स्वागत है. उन्होंने कहा कि आज राज्य के परिस्थितियां एक बडे परिवर्तन का वातावरण बना रही है. डॉ रामानुज जैसे लोग ही परिवर्तन के वाहक बनेंगे. आज चंद गिने चुने लोग झारखंड वासियों को अपना गुलाम समझ रहे हैं. 2019 चुनावी वर्ष है और आजसू ऐसे अहंकारियों, ढकोसलेबाजों और छल-कपट करने वाले राजनीतिक दलों को माकुल जवाब देने में सक्षम है. कार्यक्रम में डॉ देवशरण भगत, रौशनलाल चौधरी, अजय मंडल, संतोष राजवार, विजय वर्मा, विश्वनाथ महतो, महादेव महतो, धीरेंद्र सिंह, विष्णुधारी महतो, ललित ओझा, भरत काशी साहू, ज्ञान सिन्हा, हरीश कुमार, मैरी तिर्की समेत कई नेताओं ने अपने विचार व्यक्त किए.
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