
Ranchi : मजदूरों की घऱ वापसी के लिए चल रही श्रमिक ट्रेनों के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने नयी एडवाइजरी जारी की है. इस एजवाइजरी से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन असहमत दिख रहे हैं.
उन्होंने कहा है कि इस नयी एडवाइजरी से राज्य के फंसे मजदूरों को घर वापसी कराने में परेशानी हो रही है. प्रोजेक्ट भवन में मीडिया से बातचीत में हेमंत ने महाराष्ट्र राज्य में फंसे उस ट्रेन की बात की है, जिसमें झारखंड के करीब 1500 मजदूर बैठे हैं.
सीएम सोरेन ने कहा कि नयी एडवाइजरी के तहत झारखंड के लिए चली उक्त ट्रेन महाराष्ट्र के किसी स्टेशन में पिछले 8 से 10 घंटों से फंसी है. वहां पर मजदूरों को ना खाना मिल पा रहा है न ही पानी.
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रेलवे तय करेगा श्रमिक ट्रेनों का संचालन, लेकिन गृह मंत्रालय से लेनी होगी अनुमति
सीएम ने कहा कि केंद्र ने राज्य सरकारों के लिए जो नयी एडवाइजरी जारी की है वह इस विकट परिस्थिति में सही नहीं है.
बता दें कि इस एडवाइजरी के तहत चल रही सभी श्रमिक ट्रेनों का संचालन रेलवे मंत्रालय करेगा, लेकिन इसके लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय से चर्चा करनी होगी.
सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को नोडल अधिकारियों की नियुक्ति करनी होगी, जो मजदूरों के आने-जाने की व्यवस्था देखेंगे. ट्रेनों का समय, स्टॉपेज रेल मंत्रालय ही तय करेगा.
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फंसे मजदूरों के लिए बेहतर रास्ता तलाशने पर होगी बात
सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य सरकार को इन फंसे मजदूरों की काफी चिंता है. राज्य के आला अधिकारी लगातार केंद्र सरकार के अधिकारियों के संपर्क में है.
सरकार की पूरी कोशिश है कि देश में कहीं भी फंसे झारखंडी प्रवासी मजदूरों को घऱ लाया जाये. लेकिन इस एडवाइजरी के कारण कुछ परेशानी भी है. एडवाइजरी का असर सही होता नहीं दिख रहा है.
सीएम ने कहा कि राज्य सरकार शनिवार को एक बार फिर केंद्र से बातचीत करेगी, ताकि फंसे मजदूरों के लिए कोई बेहतर रास्ता तलाश की जाये.
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