
Jamtara: कोरोना काल मे विकास कार्यों की रफ्तार धीमी पड़ गयी है. जिले में मनरेगा छोड़ कोई विकास का कार्य नही हो रहा है. जिले में कई काम होने थे, जो हो नही पा रहे हैं. फण्ड में राशि पड़ी हुई है. योजना भी ले ली गयी है, लेकिन कार्य शुरू नही होने से राशि पड़ी हुई है.
ऐसा ही एक फण्ड माइनिंग विभाग में डीएमएफटी की राशि पड़ी हुई है. डीएमएफटी में करोड़ों रुपये पड़े हुए है, लेकिन अभीतक कोई योजना शुरू नही होने के कारण राशि पड़ी हुई है. वित्तीय वर्ष खत्म होने में कुछ ही महीने शेष बचे हैं. लेकिन करोड़ों की राशि खर्च नहीं हो रही है.
जिले में डीएमएफटी में 2 करोड़ 90 लाख 6 हजार की राशि थी
बता दें कि डीएमएफटी में खनन विभाग में कुल 2 करोड़ 90 लाख 6 हजार रुपये थे. इनमें से पहले एक करोड़ 37 लाख 12 हजार खर्च की गयी है. शेष एक करोड़ 52 लाख 94 हजार रुपये पड़े हुए हैं.
पहले एक करोड़ 37 लाख 12 हजार में शिक्षा विभाग में 21 लाख 10 हजार, स्वास्थ विभाग में 13 लाख 81 हजार, स्किल डेवलपमेंट में 85 हजार व माइनिंग प्रभावित गांव में पेयजल मद में 82 लाख 73 हजार रुपये खर्च किये गये हैं.
क्या है डीएमएफटी का फण्ड
डीएमएफटी वह फण्ड है, जो विभिन्न कार्य विभाग रॉयल्टी के रूप में खनन विभाग को देता है. रॉयल्टी का पत्थर उत्खनन प्रेषण में 30 प्रतिशत रॉयल्टी लिया जाता है. बालू पर 10 प्रतिशत व विभिन्न कार्य विभाग 30 प्रतिशत रॉयल्टी देता है.
इन्हीं रॉयल्टी के पैसे से जिला प्रशासन खनन प्रभावित क्षेत्र में खर्च करते हैं. साथ ही शिक्षा, स्वास्थ, पेयजल, स्किल डेवलपमेंट में खर्च की जाती है.
क्या कहते हैं अधिकारी
जिला खनन पदाधिकारी राजाराम प्रसाद ने कहा कि डीएमएफटी की राशि से बहुत पहले ही योजना का चयन कर लिया गया है. लेकिन कार्य प्रारंभ नही हो पाया है, जिस कारण राशि पड़ी हुई है.