
CHAIBASA : विश्व बाल मजदूर दिवस के अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकार चाईबासा के तत्वावधान में सदर प्रखंड के कुर्सी एवं नीमडी गांव में जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया. इस अवसर पर प्राधिकार के सचिव ने बताया कि भारतीय संविधान 1950 का अनुच्छेद 24 स्पष्ट करता है कि 14 वर्ष से कम उम्र के किसी भी बच्चे को ऐसे कार्य या कारखाने इत्यादि में न रखा जाये जो खतरनाक हो, कारखाना अधिनियम, बाल अधिनियम, बाल श्रम निरोधक अधिनियम आदि भी बच्चों के अधिकार को सुरक्षा देते हैं. भारतीय संविधान के अनुच्छेद 23 खतरनाक उद्योगों में बच्चों के रोजगार पर प्रतिबंध लगाता है. उन्होंने बताया कि विश्व बालश्रम निषेध दिवस प्रत्येक वर्ष 12 जून को मनाया जाता है.
इस दिन की शुरूआत 2002 में अंतरराष्ट्रीय श्रम संघ ने की थी. मौके पर लोगों को संबोधित करते हुए पीएलवी संजय कुमार निषाद ने बताया कि वर्ष 2022 में बाल श्रम के उन्मूलन के लिए थीम “बाल श्रम को समाप्त करने के लिए सार्वभौमिक सामाजिक संरक्षण” ( ”Universal Social Protection to End Child ʟᴀʙᴏᴜʀ )है, हम सभी को संयुक्त प्रयास से बच्चों को सुरक्षित वातावरण और शिक्षा प्रदान करना है. पीएलवी रेनू देवी देवी बताया कि भारत सरकार ने 1986 में बालश्रम निषेध और नियमन अधिनियम पारित कर बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित की है. वहीं पीएलवी संगीता देवी ने अपने संबोधन में जानकारी दी की इस दिन को मनाए जाने का उद्देश्य लोगों को 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों से श्रम न कराकर उन्हें शिक्षा दिलाने के लिए जागरूक करना है.
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