
Ranchi : राजधानी के कोकर स्थित डिस्टिलरी पुल के निकट रांची नगर निगम द्वारा कंक्रीट से बन रहे अंडरग्राउंड सब्जी मार्केट का काम जारी है. करीब 3.29 करोड़ की लागत से बनाये जा रहे इस मार्केट में कोकर से लालपुर मार्ग तक के सभी दुकानदारों को बसाने का प्लान हैं. वहीं मार्केट के ठीक पीछे बने विवेकानंद पार्क भी निगम ने बनाया है. लेकिन अपने इस दोनों महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट से वह डिस्टलरी तालाब विकास की भेंट चढ़ा चुका है, जिसके कारण आसपास के भूगर्भ जल हमेशा भरा रहता था.
दरअसल शहर की सबसे घनी आबादी वाले क्षेत्र से बहनेवाली करम नदी यहां पर एक छोटा सा चेक डैमनुमा संरचना बनाती थी, जो एक तालाब की शक्ल लेता था. इसे डिस्टिलरी तालाब कहा जाता था. साल 2004 तक डिस्टिलरी तालाब हुआ करता था. आज यही नदी इस पुल के पास एक संकुचित नाले का रूप ले चुकी है. दरअसल सब्जी मार्केट में हो रहे कंक्रीट निर्माण काम से यह नदी और तालाब पूरी तरह से बर्बाद हो गये हैं.
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सौंदर्यीकरण के नाम पूरी तरह से खत्म हुआ डिस्टिलरी तालाब


कहा जाता है कि तालाब में जमे पानी और फॉल से झरझर नीचे गिरते पानी का नजारा देखने लायक होता था. इस नदी-तालाब से शहर के बड़े क्षेत्र का भूगर्भ जल रिचार्ज होता था. धीरे-धीरे अतिक्रमण के कारण नदी सिमट गयी. नदी के किनारे अंधाधुंध निर्माण ने तो नदी को छोटा कर दिया, लेकिन रांची नगर निगम ने इस तालाब को सौंदर्यीकरण के नाम पूरी तरह से खत्म कर दिया.
निगम ने कुछ वर्ष पहले यहां विवेकानंद स्मृति पार्क का निर्माण कराया था. बताया गया कि यहां के लोगों को स्वच्छ वातावरण मिलेगा. हुआ उलट. तालाब तो सूखा ही, सैकड़ों घरों के वाटर ड्रेनेज में परेशानी और जलसंकट की स्थिति बन गयी. अब निगम यहां कंक्रीट से अंडरग्राउंड सब्जी मार्केट भी बना रहा है.
कंक्रीट वाले सब्जी मार्केट से नाला आज नहीं तो कल और हो जाएगा छोटा
सबसे पहले निगम ने करोड़ों रुपये खर्च कर तालाब पर विवेकानंद पार्क का निर्माण कराया. पार्क बनानेवाले निगम के जनप्रतिनिधि ने इसे अपना ड्रीम प्रोजेक्ट बताते हुए कहा था कि पार्क के बनने से आसपास के लोगों को स्वच्छ वातावरण मिलेगा, साथ ही भूगर्भ जलस्रोत में कोई असर नहीं पड़े, इसलिए पार्क के बीच-बीचों एक तालाब बनेगा.
पार्क भी बना और तालाब भी, लेकिन यह तालाब भी उपेक्षा का शिकार हुआ और तेज बारिश में ही उसका हिस्सा ध्वस्त हो गया. उसकी सीढ़ी व दीवार ढह गयी. फिर लालपुर-कोकर मार्ग को अतिक्रमण करने के नाम पर बड़े-बड़े कंक्रीट से अंडरग्राउंड सब्जी मार्केट की बात हुई.
काम शुरू हो चुका है. लेकिन जिस तरह यहां मजबूत कंक्रीट से सब्जी मार्केट का काम हो रहा है, उससे तय यह है कि यहां बहनेवाला संकुचित नाला आज नहीं तो कल और छोटा हो जायेगा.
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काफी हुआ विरोध प्रदर्शन, निगम और प्रशासन रहे खामोश
डिस्टिलरी तालाब को जिस समय जीर्णोद्धार और सुंदरीकरण के नाम पर सुखाया जा रहा था, उस वक्त भी शहर के कई बुद्दिजीवी लोगों और संगठनों ने विरोध किया था. इसमें इम्पावर झारखंड, झारखंड नव निर्माण मंच-कोकर सहित अन्य सामाजिक संगठन और स्थानीय लोग शामिल थे.
तालाब की दुर्दशा को जान इन लोगों ने मेयर से लेकर तत्कालीन मंत्री तक अपनी फरियाद पहुंचायी. लेकिन न प्रशासन ने पहल की, न निगम ने. तालाब को देखते-देखते सुखा दिया गया. ऐसे में बड़े भू-भाग के भू-गर्भीय जलस्तर को बनाये रखने में मददगार साबित होनेवाले इस तालाब के सूखने से लोग जलस्तर की समस्या से जूझने को मजबूर हो गये.
पानी पिलाने में आ सकती हैं परेशानी : नीतीश प्रियदर्शी
पर्यावरणविद नीतीश प्रियदर्शी ने भी न्यूज विंग से बातचीत में डिस्टिलरी तालाब के खत्म होने पर चिंता जतायी है. उन्होंने कहा कि राजधानी में वैसे ही कई तालाब या तो सूख चूके हैं या सूखने की कगार पर हैं. इससे राजधानी का भूगर्भ जल काफी नीचे जा चुका है. ऐसे में अगर बचे तालाब को नहीं बचाया गया तो निगम को राजधानीवासियों को पानी पिलाने में काफी समस्या से जूझना पड़ेगा.
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