Dhanbad : कोरोना काल में हर चीज पर जैसे पाबंदी लग गयी है. पर्व त्योहार भी कोरोना काल में सही तरीके से नहीं मन पा रहा है.दुर्गा पूजा को लेकर भी लोगों के मन में असमंजस है. वहीं मां दुर्गा की प्रतिमा को गढ़मे वाले मूर्तिकार भी असमंजस में हैं. प्रतिमा की ऊंचाई तय नहीं होने से भी मूर्तिकार मां की प्रतिमा को सही तरीके से गढ़ नहीं पा रहे हैं. जिससे मां की प्रतिमा का निर्माण अभी तक शुरू नहीं हो पाया है.
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सामग्रियों के दाम बढ़ने से हो रही परेशानी


वहीं मूर्तिकार दुलाल पाल ने बताया कि हर वर्ष फरवरी, मार्च को महीने से ही मां दुर्गा की प्रतिमा बननी शुरू हो जाया करती थी. लेकिन इस वर्ष कोरोना महामारी के कारण लागू दिशा निर्देशों को लेकर असमंजस की स्थिति उत्पन्न हो गयी है. जिला प्रशासन की तरफ से अभी तक प्रतिमा की ऊंचाई का सीमा तय नहीं किया गया है.




उन्होंने यह भी बताया कि इस कोरोना काल में सामग्रियों के दाम बढ़ने की वजह से एक अनुमानित ऊंचाई लेकर भी मूर्तियां बनाने में संकोच करना पड़ रहा है. क्योंकि इस कोरोना काल में सामग्री काफी महंगी हो गयी है.
प्रतिमा निर्माण में इस्तेमाल होने वाली बिचाली पहले जहां 6 से 7 रु किलो की दर से मिल जाया करतीं थी. अब वह 10 से 12 रुपये किलो मिल रही है. एक बांस की कीमत में 50 रुपये की बढ़ोत्तरी हो गयी है. प्रति 10 टन मिट्टी की कीमत में भी भारी उछाल आया है. 25 से 30 हजार प्रति 10 टन मिट्टी की कीमत 35 हजार हो चुकी है.
गणेश की 15 प्रतिमाएं वेस्ट चली गयीं
उन्होंने बताया कि पिछले दिनों गणेश पूजा को लेकर गणेश की कुछ प्रतिमाएं 8 फीट तक की बनायी गयी थी. लेकिन कोरोना काल में हाइट और रेट की वजह से ग्राहक नहीं मिले. परिणाम स्वरूप गणेश की 15 प्रतिमाएं वेस्ट चली गयीं. ज्यादातर छोटी प्रतिमाएं ही बिकी.
यही नही मां मनसा की 7 से 8 प्रतिमाएं भी धरी रह गयी. इससे व्यापार में मुनाफा नहीं हो रहा बल्कि भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. जिसकी वजह से फरवरी और मार्च में बनने वाली मां दुर्गा की प्रतिमा सितंबर महीने में भी बननी शुरू नहीं हुई है.
गौरतलब है कि विभिन्न पूजा कमिटियों ने धनबाद डीसी से मांग की है कि इस बार प्रतिमा की ऊंचाई 6 फीट ही रखने की अनुमति दी जाये. जिसपर आखिरी निर्णय जिला प्रशासन को लेना है.
विश्वकर्मा पूजा की मूर्ति को लेकर भी है असमंजस
साथ ही दुलाल पाल ने यह भी बताया कि इस असमंजस को देखते हुए विश्वकर्मा पूजा को लेकर 4 फीट की ऊंचाई वाली ही प्रतिमा बनायी जा रही है. साथ ही छोटी प्रतिमाओं में 3 फिट और 2 फिट तक ही प्रतिमा बन रही है.
उन्होंने कहा कि व्यापार में कम से कम नुकसान उठाना पड़े, इसे लेकर प्रतिमाएं भी कम संख्या में ही तैयार की जा रही हैं. पिछले वर्ष 125 प्रतिमा निर्मित किया गया था, इस वर्ष 60 प्रतिमाएं ही बना रहे हैं.
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