
Dhanbad: ईसीएल कर्मी चिरंजीत घोष को गांजा कारोबारी बताकर जेल भेजने के मामले निरसा थाना प्रभारी सस्पेंड कर दिये गये हैं. मामले की जांच के बाद बोकारो डीआईजी प्रभात कुमार के आदेश पर निरसा थाना प्रभारी उमेश कुमार सिंह को एसएसपी ने सस्पेंड कर दिया गया है.
Slide content
Slide content
डीआईजी प्रभात कुमार के द्वारा निरसा डीएसपी से कुछ सवालों का जवाब मांगा गया है. इन सभी सवालों का जवाब एसएसपी के माध्यम से देने को कहा गया है. गौरतलब है कि ईसीएल के झांझरा प्रोजेक्ट में कार्यरत कोलकर्मी चिरंजीत घोष को गांजा तस्करी के एक मामले में निरसा थाना प्रभारी उमेश सिंह ने उन्हें जेल भेज दिया था.
इसे भी पढ़ें- घिसे-पिटे उपायों की जगह सरकार अर्थव्यवस्था को उबारने के नये तरीके लायें: BMS
कोलकर्मी की पत्नी ने सीएम से की थी शिकायत
ईसीएल के झांझरा प्रोजेक्ट में कार्यरत कोलकर्मी चिरंजीत घोष की पत्नी श्रावणी शेवाती ने मामले की शिकायत सीएम से की थी. श्रावणी ने अपनी शिकायत में कहा था कि बंगाल के एक एसडीपीओ उन्हें प्रताड़ित कर रहे हैं. उसने फोन पर अनचाहा दबाव बनाने की कोशिश की थी.
एसडीपीओ की बात न मानने पर धनबाद पुलिस से सांठगांठ कर उसके पति को झूठे मुकदमे में फंसा दिया गया. 8 मई को सीआइडी के एडीजी अनिल पाल्टा ने मामले की जांच की जिम्मेदारी बोकारो डीआइजी प्रभात कुमार को सौंपी थी. जांच के बाद डीआइजी ने निरसा थाना प्रभारी को दोषी मानते हुए निलंबित कर दिया है.
इसे भी पढ़ें- #RU में ऑनलाइन होगी पीजी सेमेस्टर-4 और यूजी सेमेस्टर-6 की मिड सेम परीक्षा
क्या है मामला
25 अगस्त, 2019 को धनबाद के निरसा में पुलिस ने एक सेवरले गाड़ी से 40 किलो गांजा बरामद किया था. इस मामले में धनबाद पुलिस ने ईसीएल कर्मी चिरंजित घोष को गांजा तस्करी का किंगपिन बताते हुए आरोपी बनाया था. धनबाद पुलिस ने इस मामले में चिरंजीत को गिरफ्तार कर जेल भी भेज दिया था.
चिरंजीत के जेल भेजे जाने के बाद उसकी पत्नी ने तत्कालीन डीजीपी केएन चौबे समेत राज्य पुलिस के अन्य अधिकारियों से मुलाकात कर इंसाफ की गुहार लगायी थी. चिरंजीत की पत्नी के मुताबिक उसके पति को बंगाल पुलिस के एक अधिकारी ने साजिश कर फंसाया था.
जिसके बाद मुख्यालय स्तर से मामले की जांच करायी गयी. जांच में यह साबित हुआ था की चिरंजीत को गलत तरीके से फंसा कर जेल भेजा गया था. पुलिस ने पोल खुलने के बाद कोर्ट में तथ्यों की भूल बताते हुए चिरंजीत को रिहा कराया था.
इसे भी पढ़ें- कुछ अलगः ब्रिटेन में हो रहा शोध- क्या ‘कोविड कुत्ते’ कोरोना संक्रमण सूंघ कर पहचान जायेंगे