
Dhanbad: निरसा थाना अंतर्गत ईसीएल मुगमा क्षेत्र के कापासारा आउटसोर्सिंग में शुक्रवार की अहले सुबह करीब 3 बजे तेज आवाज के साथ 200 मीटर का दायरा लेते हुए करीब 5 फीट जमीन धंस गई. जिससे वहां अवैध कोयला काटने वाले लोगों में अफरा-तफरी मच गई. हादसा धौड़ा से कुछ दूरी पर हुआ है. जिसके कारण धौड़ा जाने वाले कच्चे रास्ते में दरार पड़ गयी है. यह तो किस्मत अच्छी थी कि भू धंसान से मात्र 50-100 फीट की दूरी पर झोपड़ीनुमा घर बना कर रह रहे लोगों को कोई नुकसान नहीं हुआ.
यहां बता दें कि हावड़ा नई दिल्ली मुख्य मार्ग से मात्र 300 मीटर की दूरी पर चालू कापासारा आउटसोर्सिंग में अवैध खनन की जाती है.जिसमें सैकड़ों की संख्या में बाहरी मजदूरों को बुलाकर कोयला काटवाया जाता है. जिसे आसपास के स्थानीय भट्टे में भेजवाया जाता है.
स्थानीय लोगों ने बताया कि सुबह जोरदार आवाज के साथ पूरा क्षेत्र धंस गया. रोजाना दर्जनों लोग कोयला निकालने के लिए अवैध खनन में जाते हैं. गुरुवार की रात भी दर्जनों लोग अवैध खनन के लिए गए थे. लेकिन घटना अहले सुबह तीन बजे के करीब हुई. उस वक्त अवैध मुहाने से दर्जनों लोग कोयला खनन करने में लगे थे. यदि घटना सुबह 7-8 बजे होती तो बड़ा हादसा हो सकता था. उस वक्त सैकड़ों की संख्या में महिला पुरूष अवैध कोयला चोरी करने पहुंचते हैं. लोगों ने कहा कि आउटसोर्सिंग प्रबंधक एवं ईसीएल की लापरवाही के कारण इस तरह की घटना घट रही है. कहा जा रहा है कि कोलियरी प्रबंधन हादसे को छुपाने की कोशिश कर रहा है. इसलिए, हादसे के बाद से ही कोलियरी प्रबंधन गोफ को भरने में जुटा हुआ है. घटना के ढाई घंटे के बाद पुलिस मौके पर पहुंची, इसको लेकर भी सवाल उठ रहा है.
उल्लेखनीय है कि वैसे तो खदान में होनेवाली मौतों का कई बार पता तक नहीं चल पाता, लेकिन प्रकाश में आए मामलों के अनुसार, कापासारा आउटसोर्सिंग परियोजना में जनवरी 2019 से लेकर 09 मई 2022 तक 24 मौतें हुई हैं, जबकि 16 लोग घायल हो चुके हैं.
यहां बता दें कि कापासारा आउटसोर्सिंग में इसी साल 9 मई की दोपहर करीब तीन बजे चाल धंसने से तीन लोगों की मौत हो गई थी और एक घायल हुआ था. जबकि, एक फरवरी 2022 को भी कापासारा आउटसोर्सिंग में अवैध कोयला उत्खनन के दौरान तीन लोगों की मौत हुई थी.