
Dhanbad: जेल में रहकर रंगदारी मांगने और फायरिंग के दो विभिन्न मामलों में गैंग्स ऑफ वासेपुर के मुख्य सरगना फहीम खान और उसके पुत्र इकबाल खान को आज शनिवार को अदालत से बड़ी राहत दी है. अदालत ने फैसला सुनाते हुए दोनों को बाइज्जसत बरी कर दिया. अभियोजन दोनों ही मामलों में आरोप को संदेह से परे साबित करने में असफल हुआ है.
रंगदारी मांगने के एक पुराने मामले में जहां प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी मनोज कुमार इंदवार की अदालत ने फहीम खान को निर्दोष करार दिया. वहीं वासेपुर में सरेआम फायरिंग करने के मामले में जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजकुमार मिश्रा की अदालत ने इकबाल खान को बाइज्जत बरी किया.
इन दोनों मामलों में आरोपित फहीम खान और इकबाल खान की ओर से अदालत में अधिवक्ता शाहबाज सलाम ने दलील पेश की. उन्होंशने कहा कि केवल संदेह के आधार पर किसी के विरुद्ध मुकदमा नहीं चलाया जा सकता.


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यहां बता दें कि नौ साल पहले गैंग्सु ऑफ वासेपुर के फहीम खान के खिलाफ की गई रंगदारी मांगने की शिकायत के मामले में 11 दिसंबर 2013 को बैंक मोड़ के तत्कालीन थाना प्रभारी रमेश कुमार के स्वलिखित बयान पर हजारीबाग जेल मे बंद फहीम खान के विरुद्ध बैंक मोड़ थाना में कांड संख्या 274/13 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी. प्राथमिकी में पुलिस ने आरोप लगाया था कि जेल में बंद फहीम ठेकेदारों एवं कारोबारियों से रंगदारी की मांग रहा है, जिस कारण कारोबारियों में दहशत मची है.
वहीं, फहीम के बड़े बेटे इकबाल खान के विरुद्ध 26 फरवरी 2016 को बैंक मोड़ के तत्का,लीन थाना प्रभारी अशोक सिंह की शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज की गई थी. प्राथमिकी में कहा गया था कि 26 फरवरी की शाम 7:00 बजे इकबाल खान ने वासेपुर आरा मोड़ के समीप भीड़-भाड़ वाले इलाके में छह राउंड गोली फायर की थी, जिससे वहां के स्थानीय लोगों व दुकानदारों में दहशत फैल गई थी. हालांकि दोनों ही मामले कोर्ट में साबित नहीं हो सके.
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