
Ranchi: मैन पावर की कमी के बावजूद सीआइडी हर चौथे दिन औसतन एक मामले को टेकओवर कर रही है. साथ ही एक मामले का निष्पादन कर रही है. पिछले 50 दिनों में सीआइडी ने 13 नये मामलों को टेकओवर किया है. साथ ही 13 पुराने मामले का निष्पादन भी किया गया है.
गौरतलब है कि आइपीएस अनिल पाल्टा ने करीब 50 दिन पहले सीआइडी एडीजी के पद पर योगदान दिया. जिसके बाद से अनुसंधान के लिये लंबित मामलों की जांच में तेजी आ गयी है.
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मैन पावर की कमी के बावजूद CID कर रही है बेहतर काम




मैन पावर की कमी के बावजूद भी सीआइडी बेहतर काम कर रही है.बता दे की सीआइडी के आइजी रंजीत प्रसाद के सेवानिवृति के बाद संगठित अपराध आइजी का पद दिसंबर महीने के बाद से खाली है. 31 जनवरी के बाद सीआइडी के एक अन्य आइजी का पद भी रिक्त हो गया.
इसके अलावा सीआइडी में एसपी रैंक के अधिकारियों का पद भी लंबे समय से खाली पड़ा हुआ है. अनिल पाल्टा कहते हैं, वह सीआइडी को अलग रूप देना चाहते हैं. सीआइडी का काम अपराध का अनुसंधान करना है. हम अनुसंधान की प्रक्रिया को सीबीआइ की तर्ज पर डेवलप करने में लगे हैं.
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CID ने पिछले 50 दिनों में 13 मामलों को किया टेकओवर
CID ने पिछले 50 दिनों में 13 मामलों को टेकओवर किया है. जिनमें, झारखंड स्टेट कोऑपरेटिव बैंक सराइकेला शाखा में गबन, बोकारो सिख दंगा राहत घोटाला, धनबाद फर्जी गांजा तस्करी, अमन साहू के बड़कागांव थाना से फरार होने का मामला, गुमला विशुनपुर पुलिस नक्सली मुठभेड़, सिमडेगा के जलडेगा पुलिस नक्सली मुठभेड़, चाईबासा के अलग थाना क्षेत्र में हुए तीन मुठभेड़, गुमला पालकोट के तिहरे हत्याकांड, खूंटी में पुलिस की गोली से ग्रामीण की मौत और पुलिस के हिरासत में आत्महत्या में दो मामले को सीआइडी ने टेकओवर किया है. इसके अलावा सीआइडी में पूर्व से लंबित बड़े 13 मामले का निष्पादन भी किया है.
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CID में टेक्निकल सेल का किया गया है गठन
सीआइडी में टेक्निकल सेल का गठन किया गया है. किसी भी केस में अनुसंधान के दौरान कॉल डिलेट रिपोर्ट, कॉल डंप, रिचार्ज हिस्ट्री समेत अन्य जानकारियों को जुटाने का काम टेक्निकल सेल कर रही है.
टेक्निकल सेल का प्रभार डीएसपी स्तर के अधिकारी के जिम्मे है. इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारी को टेक्निकल सेल का सिस्टम एडमिनिस्ट्रेटर बनाया गया है.वहीं तकनीक संबंधी विश्लेषण के लिए पुलिसकर्मियों की टीम को भी इसमें शामिल किया गया है.