
Ranchi: डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय से जुड़े पद के दुरुपयोग के मामले में लोकायुक्त अदालत में सुनवाई हुई. जिसमें डिप्टी मेयर पर आरोप है कि उन्होंने अपने संबंधियों एवं नजदीक के लोगों की कंपनी को ठेका दिलाने का काम किया है.

सोमवार को लोकायुक्त जस्टिस डीएन उपाध्याय की अदालत में मामले की सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान संजीव विजयवर्गीय अदालत में व्यक्तिगत रूप से अपने अधिवक्ता के साथ मौजूद थे.

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लोकायुक्त अदालत में सुनवाई के दौरान शिकायतकर्ता के वकील ने कहा कि डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय के बेटे हर्षित विजयवर्गीय की कंपनी मेघा कंस्ट्रक्शन और उसके दोस्त विपिन कुमार वर्मा की कंपनी पीयूष कंस्ट्रक्शन को रांची नगर निगम से जो ठेका मिला था. उसमें संजीव विजयवर्गीय के फार्म के खाते से टेंडर फीस भरी गयी थी.
साथ ही मुन्सिपल एक्ट के प्रावधानों के अनुसार, पदधारी एवं कार्यरत लोगों के परिजन निविदा में भाग नहीं ले सकते हैं जिसका भी उल्लंघन किया गया है. जो इंगित करता है कि अपने करीबीयों को लाभ दिलाने के लिये डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय पद का दुरुपयोग किया है.
इसके जबाब में डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय के अधिवक्ता ने कहा- डिप्टी मेयर पर जो आरोप लगाये गये हैं सही नहीं है. डिप्टी मेयर उस दायरे में नहीं आते हैं. मंगलवार को मामले की सुनवाई पूरी नहीं हो सकी है. अगली सुनवाई की तारीख 20 मार्च 2020 मुकर्रर की गयी है.
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क्या है आरोप
रांची नगर निगम के डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय पर अपने पद का अनुचित लाभ उठाने का आरोप है. आरोप है कि डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय ने अपने बेटे की कंपनी मेघा कंस्ट्रक्शन को एक नहीं कई योजनाओं का ठेका देकर लाभ पहुंचाने का काम किया है. इतना ही नहीं, निगम की मेहरबानी डिप्टी मेयर के ही करीबी विपीन कुमार वर्मा की कंपनी पीयूष इंटरप्राइजेज पर भी रही है.
पूरे मामले की शिकायत लोकायुक्त के पास दर्ज करायी गयी थी. जिसमें संजीव विजयवर्गीय द्वारा डिप्टी सीएम रहते हुए 2014 से 2018 तक दोनों कंपनियों को ही करोड़ों के करीब 72 ठेके दिलाने का आरोप है. और डिप्टी मेयर का बेटा और करीबी होने के कारण ही निगम से मेघा कंपनी तो कभी पीयूष इंटरप्राइजेज को बड़ी आसानी से वर्क ऑर्डर मिलता रहा.
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320089 636401What other people have stated and in some uncommon cases, suicide may possibly occur. 584429