
Ranchi : झारखंड आंदोलन के लिये कई लोगों ने कुर्बानियां दीं. पुलिसिया जुर्म के शिकार हुए. राज्य सरकार ने झारखंड आंदोलनकारियों के आश्रितों को सीधी नियुक्ति दिये जाने का फैसला किया है. विधानसभा में दी गयी सूचना के मुताबिक ऐसे आंदोलनकारी जो पुलिस फायरिंग में मारे गये या फिर जेल में ही गुजर गये, उनके आश्रित परिवार के एक सदस्य को तृतीय या चतुर्थ कैटेगरी में सीधी नियुक्ति दी जायेगी. इसके अलावा जो 40 फीसदी तक या इससे ज्यादा विकलांग हुए हैं, उन्हें भी नौकरी मिलेगी. दोनों कैटेगरी (तृतीय, चतुर्थ) में एकेडमिक योग्यता को भी आधार बनाया जायेगा.
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4065 आंदोलनकारियों की ही पहचान
विधायक राज सिन्हा ने विधानसभा के बजट सत्र में आंदोलनकारियों की पहचान, उनके आश्रितों को सुविधाओं के संबंध में सूचना मांगी थी. इस पर सरकार ने कहा है कि आंदोलनकारियों की पहचान के लिये झारखंड वनांचल चिन्हितीकरण आयोग गठित हुआ था. यह 2020 से ही डेड पड़ा है. आयोग में 60,000 से अधिक आवेदन पड़े हैं. इसमें से 4065 झारखंड आंदोलकारियों की ही पहचान की जा सकी है.
आंदोलनकारियों के लिये पेंशन और रिजर्वेशन की व्यवस्था
सदन में दिये गये जवाब के मुताबिक 25 फरवरी, 2021 को हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में चिन्हितीकरण आयोग के संबंध में कई फैसले लिये गये थे. आयोग के गठन के लिये एक रिटायर्ड आइएएस अफसर की अध्यक्षता में आयोग का गठन किया जायेगा. सदस्यों का चयन भी सरकार करेगी. आंदोलनकारियों के आश्रितों को तृतीय या चतुर्थ कैटेगरी में सीधी नियुक्ति दी जायेगी. इस कैटेगरी की नियुक्ति में उनके लिये 5 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण देने की व्यवस्था की जायेगी. इसका लाभ आंदोलनकारी के परिवार को एक बार ही मिलेगा.
जेल जा चुके आंदोलनकारियों (जीवित) को उनके जीवनकाल में पेंशन मिलेगा. उनकी मृत्यु होने पर एक आश्रित को अंतिम समय तक इसका लाभ दिया जायेगा. 3 महीने से कम समय के लिये जेल में रहे आंदोलनकारियों को 3500 रुपये प्रतिमाह, 3-6 महीने वालों को 5000 और इससे अधिक समय तक रह चुके लोगों को 7000 रुपये तक पेंशन दी जायेगी.