
Sunil Jha
Deoghar: गांव की सरकार का मतदान परिणाम आने के बाद शपथ ग्रहण की प्रक्रिया जिले में जारी है. इसी सिलसिले में जिले के सारवां प्रखंड में 16 जून को प्रमुख व उप प्रमुख पद का चुनाव व पंचायत समिति सदस्यों (पंसस) का शपथ ग्रहण समारोह संपन्न हुआ. प्रखंड के लोग जहां अपने नए प्रमुख व उपप्रमुख को पाकर गदगद हैं. वहीं कई लोग ऐसे भी हैं जो कहते हैं कि सारवां प्रखंड प्रमुख व उप प्रमुख पद की महिमा अपरंपार है.
पंचायत समिति सदस्यों सदस्य के लिए हुए चुनाव में चुनाव का परिणाम 31 मई को आने के बाद ही 1 जून से संभावित प्रत्याशी अपने-अपने पक्ष में पंच को करने के लिए एड़ी चोटी एक कर दी. सूत्र बताते हैं कि इस दौरान एक पक्ष ने 11 पंचायत समिति सदस्यों को लेकर तारापीठ, बासुकीनाथ से लेकर देवघर तक की सैर कराई और उन्हें कसमें भी खिलाई. इस दौरान बीच में एक-दो दिनों के लिए 11 पंसस को अपने-अपने घर परिवार के साथ रहने के लिए भेज दिया गया. इस 11 के आंकड़े में महिला पंसस के स्थान पर उनके पति या अभिभावक शामिल हैं. लेकिन पुनः संभावित प्रत्याशी पक्ष के लोगों की अधिक आवाजाही के कारण खरीद फरोख्त की आशंका के बीच पुनः एक पक्ष के लोग 10 पंसस को लेकर चमचमाती गाड़ी से बासुकीनाथ ले गए और वहां एक दो दिन तक रखने के बाद पुनः देवघर लाकर एक राजनीतिक दिग्गज के विवाह भवन में कड़ी निगरानी में रखा गया. जिसमें दो पंसस और शामिल हो गए. आखिर कर मतदान का दिन आया और सभी 12 पंसस देवघर से एक पक्ष के घर में जूटे और 16 जून को एक साथ वाहन में सवार होकर सारवां प्रखंड कार्यालय पहुंचे. लेकिन अंदर में कुछ और हो गया. प्रमुख पद के इस खेल में एक जीता तो दूसरा हारा. आखिरकार अनुमंडल पदाधिकारी अभिजीत कुमार सिन्हा द्वारा पंसस को शपथ ग्रहण कराए जाने के बाद मतदान की प्रक्रिया प्रारंभ हुई और पंसस फूकनी देवी ने 10 मत प्राप्त कर प्रमुख पद पर विजयी हुई. जबकि विपक्षी प्रत्याशी काजल कुमारी को 8 मत ही प्राप्त हुआ. सबसे मजेदार बात यह है कि जब काजल कुमारी उप प्रमुख पद का चुनाव लड़ा तो उसने उसी सदन में 10 सदस्यों का मत प्राप्त किया और सारवां की उप प्रमुख बनी. जबकि फुकनी देवी खेमे की प्रत्याशी सुलेखा देवी को 8 मत ही प्राप्त हुआ. काजल कुमारी के एक में फेल व एक पद में पास होने से लोगों के मन में क ई तरह के सवाल उठ रहे हैं. उसी समय और दिन में उसी सदन में दो सदस्यों ने क्रॉस वोटिंग कर अंत तक दोनों पक्षों को नचाते रहे. लोगों का पुछना भी लाजिमी है कि आखिर किन दो सदस्यों ने क्रॉस वोटिंग कर सबको चौंकाया है.


सूत्र बताते हैं कि महिला सदस्यों को मायके में कड़ी निगरानी में रखने तक का काम किया है. प्रमुख पद के लिए हुए हाइवोल्टेज ड्रामा में कई राजनीतिक दिग्गज ने महत्वपूर्ण किरदार निभाते एक पक्ष को तन मन धन से सहयोग किया है. प्रमुख पद के इस खेल में एक लाख (पचास पहले पचास बाद में) का आंकड़ा फेल हो गया. जबकि पैंसठ, पच्चीस व पंचानबे का आंकड़ा पास हो गया. जबकि उप प्रमुख पद के लिए दस हजार का आंकड़ा काम नहीं आया. प्रमुख पद के लिए मोटरसाइकिल की सवारी कराने सहित कई तरह का आश्वासन दिया गया है. किसका कौन फरमाइश पूरा होता है और कौन सा अधूरा रह जाता है. यह तो समय ही बताएगा. कहा जा रहा है कि प्रमुख के चुनाव के बाद क्रॉस वोटिंग करने वालों वाले सदस्यों को चिन्हित करने का काम शुरू कर दिया गया है दो से तीन सदस्यों पर संदेह व्यक्त किया जा रहा है जिसमें से एक सदस्य आंकड़े का खेल से अपने को वापस कर लिया है तो लोगों का कहना भी लाजमी है कि सारवां में प्रमुख व उप प्रमुख पद की महिमा अपरंपार है.




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