
NewDelhi : दिल्ली हिंसा मामले में दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई के क्रम में दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में अपना जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा. इस पर हाई कोर्ट ने 13 अप्रैल तक का समय दिया है. अब मामले की अगली सुनवाई 13 अप्रैल को होगी. इस दिन केंद्र सरकार को भड़काऊ भाषण पर रिपोर्ट सौंपनी होगी. जान लें कि हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार यानी गृह मंत्रालय को दिल्ली हिंसा मामले में पक्षकार बनाये जाने की दलील भी मंजूरी कर ली.
याचिकाकर्ता तीन भड़काऊ बयानों को चुनकर कार्रवाई की मांग नहीं कर सकते
केंद्र और दिल्ली पुलिस के वकील सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि कल कोर्ट ने आदेश जारी कर जवाब मांगा था कि जो भड़काऊ बयान दिये गये थे उनपर करवाई की जाये, जबकि ये बयान 1-2 माह पहले दिये गये थे. कहा कि याचिकाकर्ता केवल तीन भड़काऊ बयानों को चुनकर कार्रवाई की मांग नहीं कर सकते. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि हमारे पास इन तीन हेट स्पीच के अलावा कई और हेट स्पीच हैं, जिसको लेकर शिकायत दर्ज कराई गयी है.
सॉलिसिटर जनरल की दलील थी कि याचिकाकर्ता ने सिर्फ तीन चुनिंदा वीडियो का हवाला दिया है. एक जनहित याचिका में ऐसा नहीं होता. केंद्र को पक्षकार बनाया जाये या नहीं, यह कोर्ट को तय करना है, याचिकाकर्ता को नहीं. हम हिंसा को नियंत्रित करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं.
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अथॉरिटी वीडियो देख रही है, सही समय पर होगी पुलिस की कार्रवाई
केंद्र की इस दलील पर याचिकाकर्ता के वकील कोलिन गोंजाल्विश ने कहा कि आज ही सभी के खिलाफ FIR दर्ज हों, तुरंत गिरफ्तारी की जाये. इस पर तुषार मेहता ने कहा कि मौजूदा माहौल इस बात के लिए उपयुक्त नहीं है कि हम चुनिंदा तरीके से उन्हीं तीन वीडियो यानी भाजपा नेता कपिल मिश्रा, अनुराग ठाकुर और प्रवेश वर्मा की स्पीच को देखे. हमारे पास और भी ऑडियो और वीडियो क्लिप्स है. कहा कि अथॉरिटी वीडियो को देख रही है. इसके बाद सही समय पर पुलिस कार्रवाई करेगी.
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पुलिस ने किये 48 FIR
चीफ जस्टिस डीएन पटेल ने पूछा कि 11 एफआईआर दर्ज की गयी हैं ? इसके जवाब में सॉलीसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि कल तक हमने 11 और आज 37 एफआईआर दर्ज किये है. कुल 48 एफआईआर दर्ज हुए है. याचिकाकर्ता इस पर एफआईआर चाहता है कि कपिल मिश्रा ने ऐसा किया या वारिस पठान ने ऐसा किया. मौत या आगजनी या लूटपाट होने पर हमें एफआईआर दर्ज करनी होती है. अन्य मुद्दों में समय लगता है.
इससे पहले नॉर्थ ईस्ट दिल्ली में हुई हिंसा पर बुधवार को दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान हिंसा पर काबू पाने में नाकाम रही पुलिस को कोर्ट ने जमकर फटकार लगाई. कोर्ट ने पुलिस को नोटिस जारी कर गुरुवार को सवा दो बजे कोर्ट में जवाब दाखिल करने को कहा. कोर्ट ने पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक को भी भड़काऊ भाषण के वीडियो देखने के बाद कोर्ट में जवाब देने का निर्देश दिया. बाद में मामले को गुरुवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया.
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