अब बैंकों से कर्ज लेकर नहीं देश नहीं छोड़ सकेंगे डिफाल्टर
नीरव मोदी और विजय माल्या मामले के बाद केंद्र सरकार ने बैंकों के सीएमडी और सीईओ को दिये अधिकार
Ranchi: केंद्र सरकार ने नीरव मोदी और विजय माल्या प्रकरण के बाद बैंकों के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक (सीएमडी), मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी (सीइओ) तथा सीरियस फ्राड इनवेस्टीगेशन ऑफिस (एसएफआइओ) को अधिकार दिया है. इसकी प्रतिलिपि बैंकों के क्षेत्रीय और आंचलिक कार्यालयों को भी भेजी गयी है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस संबंध में दो आदेश जारी किये हैं. इसमें बैंकों के सीएमडी और सीइओ को यह कहा गया है कि वे अब ऐसे बड़े कर्जधारकों पर नजर रखें, जो कर्ज की राशि नहीं चुका रहे हैं तथा देश छोड़ने की सोंच रहे हैं. बैंकों के सीएमडी, सीइओ और एसएफआइओ को लूक आउट सर्कुलर (एलओसी) जारी करने के लिए अधिकृत किया गया है. इतना ही नहीं जारी आदेश में कहा गया है कि बैंकों के उच्चाधिकारी गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, सीबीआई, क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय और पुलिस को सूचित कर सकते हैं. बैंक के अधिकारी गृह मंत्रालय से सीधे सवाल भी पूछ सकते हैं. बैंकों की तरफ से जारी एलओसी एक वर्ष तक के लिए वैध मानी जायेगी.
माल्या और नीरव देश छोड़कर भाग चुके हैं
इतना ही नहीं भारतीय दंड विधान की धारा के नियमों के तहत अन्य कार्रवाही भी बैंकों की तरफ से करने का आदेश दिया गया है. यहां यह बताते चलें कि दो मार्च 2016 को 9000 करोड़ का घोटाला करने के बाद विजय माल्या लंदन भाग गया था. वहीं जनवरी 2018 में पंजाब नेशनल बैंक तथा अन्य बैंकों से 13 हजार करोड़ रुपये लेने के बाद नीरव मोदी देश छोड़ कर भाग गया था. इससे केंद्र सरकार की भारी फजीहत हुई है. इससे बचने के लिए ही गृह मंत्रालय ने आदेश जारी किया है.
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