
Koderma: कोडरमा जिले में कुछ दिनों पहले तीन बाल मजदूर और एक बंधुआ मजदूर को उपायुक्त रमेश घोलप के पहल से विमुक्त करा कर उनका पुनर्वास कराया गया था. उपायुक्त को सूचना प्राप्त होने पर उन्होंने स्वयं जाकर बच्चों को विमुक्त कराया था.
तब बाल मजदूरी कराने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए प्राथमिकी दर्ज करायी गयी. विमुक्त कराये गये बच्चों को उपायुक्त कोडरमा ने 1 लाख 9 हजार की सहायता राशि और एरियर के साथ-साथ स्कूल यूनिफॉम एवं पाठ्य सामग्री दी गयी थी.
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उपायुक्त कोडरमा के इस प्रयास की नोवेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यर्थी ने सराहना की है. उन्होंने इस कदम की सराहना करते हुए अपने ट्विटर हैंडल से रिट्विट कर लिखा कि आपके इन कार्यों के लिए साधुवाद.
बच्चों के साथ होने वाले हर अन्याय और शोषण के खिलाफ आपके प्रयासों में मेरा और मेरे संगठन का पूरा सहयोग रहेगा. इस प्रयास को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी रिट्विट किया है.
इसके अलावे झारखंड सरकार के माननीय परिवहन मंत्री चंपई सोरेन ने अपने ट्विटर हैंडल से रिट्विट करते हुए लिखा कि इस पहल के लिए उपायुक्त कोडरमा और जिला प्रशासन को धन्यवाद.
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