
Mumbai: अर्थव्यवस्था की चाल और धीमी पड़ती जा रही है. और हालात चिंताजनक नजर आ रहे हैं. ये दावा रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने किया है.
बुधवार को रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने देश की आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान 2019-20 के लिए 6.3 प्रतिशत कर दिया है. जबकि पहले 2019-20 के लिए आर्थिक वृद्धि दर 6.9 प्रतिशत होने का अनुमान था.
क्या कहना है एजेंसी का
एजेंसी ने एक नोट में कहा कि यह अनुमान दूसरी तिमाही से मांग बढ़ने और सबसे महत्वपूर्ण अर्थव्यवस्था के इसी रफ्तार से बाकी बची अवधि में वृद्धि करते रहने की उम्मीद पर आधारित है.
नोट के अनुसार, ‘ हमें वित्त वर्ष 2019-20 की दूसरी तिमाही में तुलनात्मक आधार प्रभाव कमजोर रहने के चलते वृद्धि दर में हल्के सुधार 6.3 प्रतिशत रहने की उम्मीद है.’
इसके अलावा मौद्रिक नीति और उसके अनुरूप बैंकों के तेजी से क्रियान्वयन, न्यूनतम आय सहायता योजना से किसानों की ओर मांग बढ़ने इत्यादि के चलते भी आर्थिक वृद्धि में फिर से तेजी आने की उम्मीद है.
अर्थव्यवस्था की हालत गंभीर
क्रिसिल ने देश में आर्थिक नरमी का फैलाव अंदेशे से ज्यादा व्यापक और गहरा करार दिया. क्रिसिल की यह टिप्पणी उस समय आयी है, जब हर तरफ देश की आर्थिक वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 25 तिमाहियों के निचले स्तर यानी पांच प्रतिशत पर आने की चर्चा है.
यह पड़ोसी देश पाकिस्तान की वृद्धि दर 5.4 प्रतिशत से भी कम है. इसकी अहम वजह विनिर्माण गतिविधियों में ठहराव और निजी उपभोग में कमी आना है.
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