
Washington : अमेरिका और पाकिस्तान में बढ़ी तल्खी कम नहीं हो रही है. अमेरिका ने एक बार फिर पाकिस्तान पर आतंकवाद को लेकर करारा हमला किया है. बता दें कि अमेरिका ने अपनी वार्षिक कंट्री रिपोर्ट ऑन टेररिज्म 2017 में पाकिस्तान को आतंकियों की पनाहगाह बताया है. कहा है कि अब भी आतंकी संगठनों के लिए पाकिस्तान सुरक्षित ठिकाना बना हुआ है. रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान ने अपनी जमीन पर मौजूद जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठनों पर उचित कार्रवाई नहीं की.
इन संगठनों के आतंकी भारत पर हमला करते हैं. अमेरिका ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि पाकिस्तान लश्कर चीफ और 26/11 मुंबई हमले के मास्टरमाइंट हाफिज सईद को जनवरी 2017 में हिरासत में लिया गया था. लेकिन फिर एक अदालत के आदेश पर नवंबर 2017 में रिहा कर दिया गया.
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इस्लामिक स्टेट खुरासान ने पिछले साल पाकिस्तान में 43 बड़े आतंकी हमले किये


रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है पाकिस्तान सरकार लश्कर और जैश जैसे संगठनों को खुलेआम फंड जमा करने, आतंकियों की भर्ती करने और ट्रेनिंग कैंप चलाने से रोकने में कामयाब नहीं हो रही है. हालांकि पाक चुनाव आयोग ने लश्कर से जुड़े एक दल को राजनीतिक दल के रूप में रजिस्टर करने से इनकार जरूर किया है. रिपोर्ट कहती है कि इस्लामिक स्टेट खुरासान द्वारा पिछले साल पाकिस्तान में 43 बड़े आतंकी हमले किये गये. कुछ हमले दूसरे आतंकी संगठनों के साथ मिलकर किये गये.
कहा गया कि पाकिस्तान की जमीन पर सक्रिय आतंकी संगठन स्टेशनरी ऐेंड वीक बोर्न इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (VBIEDs), सूइसाइड बॉम्बिंग, हत्याएं, व्यक्तियों, स्कूलों, बाजारों, सरकारी संस्थानों और इबादतगाहों पर रॉकेट ग्रेनेड हमले करते हैं.
रिपोर्ट में माना गया है कि पाकिस्तान की मिलिटरी और अधिक ताकतवर बन गयी है. रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान की सरकार ने सिविलियंस पर आतंकवाद के मामले चलाने के लिए सैनिक अदालतों को मिले अधिकारों को दो साल के लिए बढ़ा दिया है. हालांकि आलोचकों का तर्क है कि मिलिटरी अदालतें पारदर्शी नहीं हैं और यह सिविल सोसायटी को चुप करने के लिए हो रहा है.
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