
- भारतीय राजदूत ने ट्वीट कर कहा- भेदभाव हमारी भावना के खिलाफ
New Delhi: भारत और यूएई गैर-भेदभाव के मूल्यों पर साझा रुख करते हैं. भेदभाव हमारे नैतिक ताने-बाने और कानून के खिलाफ है. यूएई में भारतीय नागरिकों को हमेशा यह याद रखना चाहिए. यह ट्वीट है यूएई में भारतीय राजदूत पवन कपूर का.
यह ट्वीट उस वक्त आया है जब कोरोना वायरस महामारी को लेकर भारत में मुसलमानों को निशाना बनाये जाने की खबरों को लेकर अरब जगत में नाराजगी बढ़ रही है.
India and UAE share the value of non-discrimination on any grounds. Discrimination is against our moral fabric and the Rule of law. Indian nationals in the UAE should always remember this. https://t.co/8Ui6L9EKpc
— Amb Pavan Kapoor (@AmbKapoor) April 20, 2020
उन्होंने प्रधानमंत्री के एक ट्वीट का हवाला दिया है जिसमें कहा गया है- कोविड-19 का वायरस किसी जाति, धर्म, रंग, पंथ, भाषा या सीमा को देख कर हमला नहीं करता है. इससे लड़ने में हमें एकता और भाईचारे को प्रधानता प्रदान करनी चाहिए. हम सभी इसमें एक साथ हैं.
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भारतीय मुसलमानों को टारगेट करने पर नाराजगी
ये ट्वीट उस वक्त आये हैं जब अरब देशों में जिसमें यूएई और कुवैत शामिल हैं, में भारत में मुसलिमों को टारगेट करने की खबरों पर गुस्सा जाहिर किया गया है.
1/2 #OIC-IPHRC condemns the unrelenting vicious #Islamophobic campaign in #India maligning Muslims for spread of #COVID-19 as well as their negative profiling in media subjecting them to discrimination & violence with impunity.
— OIC-IPHRC (@OIC_IPHRC) April 19, 2020
2/2 #OIC-IPHRC urges the #Indian Govt to take urgent steps to stop the growing tide of #Islamophobia in India and protect the rights of its persecuted #Muslim minority as per its obligations under int”l HR law.
— OIC-IPHRC (@OIC_IPHRC) April 19, 2020
इस्लामिक कोऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन के ह्यूमन राइट्स संस्था आइपीएचआरसी, जिसमें 57 इस्लामिक देश शामिल हैं ने रविवार को एक ट्वीट किया- अरब देशों के लोगों जिनमें यूएई के राज परिवार के सदस्य भी शामिल हैं, ने इस बात पर नाराजगी जतायी है कि भारत में तबलीगी जमात को भारत में कोरोना वायरस फैलाने के लिए सबसे बड़े जिम्मेदार के तौर पर माना जा रहा है.
The ruling family is friends with Indians, but as a royal your rudeness is not welcome. All employees are paid to work, no one comes for free. You make your bread and butter from this land which you scorn and your ridicule will not go unnoticed.
— Princess Hend Al Qassimi (@LadyVelvet_HFQ) April 15, 2020
भारत के प्रधानमंत्री ने भी रविवार को कहा कि इसमें किसी प्रकार का भेदभाव नहीं होना चाहिए, कोविड-19 किसी जाति, धर्म, संप्रदाय या देश को देख कर हमला नहीं करता है.
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भारत सरकार ने जारी थी एडवाइजरी
प्रधानमंत्री का ट्वीट उस वक्त आया जब उत्तर प्रदेश के एक अस्पताल के खिलाफ पुलिस में एक शिकायत दरर्ज करायी गयी. उस अस्पताल ने अखबारों में विज्ञापन दिया था कि वह मुसलिम मरीजों को तभी एडमिट करेगा जब उसका कोरोना टेस्ट निगेटिव आयेगा.
पिछले दिनों भारत सरकार ने कोविड-19 से जुड़े सोशल मीडिया के पोस्ट पर एक एजवाइजरी भा जारी की थी. उसमें लोगों से कहा गया था कि सोशल मीडिया में संक्रमित या क्वारंटाइन किये गये लोगों के नाम, उनकी पहचान या पता की जानकारी नहीं देनी है. साथ ही यह भी कहा गया था कि किसी तरह के भय या पैनिक को बढ़ावा न दें.
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