
New Delhi : देश में कोरोना संक्रमण बहुत तेजी से बढ़ रहा है. इसकी वजह से गंभीर रूप से कोरोना संक्रमितों के इलाज में इस्तेमाल कि जानेवाले रेमडेसिविर इंजेक्शेन की कमी हो गयी है. कालाबाजारी करनेवाले लोगों की वजह से भी लोगों को इंजेक्शन लेने में परेशानी हो रही है. इस स्थिति को देखते हुए केंद्र सरकार ने रेमडेसिविर इजेक्शेन का उत्पादन अगले 15 दिनों में दोगुना कर 3 लाख शीशी प्रतिदिन करने की योजना बनायी है.
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कीमत में भी लायी गयी है कमी
रसायन एवं उर्वरक राज्य मंत्री मनसुख एल मंडाविया ने ट्विटर पर लिखा है कि रेमडेसिविर का उत्पादन बढ़ाने को लेकर प्रक्रिया पहले ही शुरू हो चुकी है. उन्होंने लिखा है, ”हम रेमडेसिविर इंजेक्शन का उत्पादन बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं. साथ ही इसकी कीमत में कमी लाने की भी हमारी कोशिश है. फिलहाल हम इंजेक्शन की 1.5 लाख शीशी का उत्पादन कर रहे हैं. अगले 15 दिनों में उत्पादन 3 लाख शीशी प्रतिदिन हो जाएगा.”
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देश के 20 संयंत्रों में हो रहा है उत्पादन
मंत्री ने कहा कि सरकार ने ‘एटीवायरल’ दवा के उत्पादन के लिये 20 संयंत्रों को मंजूरी दी है. उन्होंने कहा कि रेमडेसिविर का उत्पादन फिलहाल देश के 20 संयंत्रों में किया जा रहा है. मंडाविया ने कहा, ”अगले कुछ दिनों में, हम रेमडेसिविर का अधिकतम उत्पादन का प्रयास कर रहे हैं. दवा कंपनियों ने इस दवा के खुदरा मूल्य में भी कमी की है और इससे मरीजों को लाभ होगा.
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण एनपीपीए) ने शनिवार को कहा था कि कैडिला हेल्थकेयर, डा.रेड्डीज लैबोरेटरीज और सिप्ला ने अपने-अपने ब्रांड के रेमडेसिविर इंजेक्शन 100 एमजी/शीशी) के दाम कम किये हैं.
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