
Ranchi: राजधानी रांची में कोरोना वायरस संकट के फिर बढ़ने के बीच एक चिंताजनक जानकारी सामने आयी है. आरटीपीसीआर जांच कोरोना वायरस को डिटेक्ट नहीं कर पा रही है. शहर के सदर अस्पताल में आठ सस्पेक्टेड कोरोना मरीज इलाजरत हैं.
इन सभी की परेशानी एक ही है लेकिन आरटीपीसीआर टेस्ट में किसी की रिपोर्ट पॉजिटिव नहीं आई है. सिविल सर्जन डॉ विनोद ने बताया कि कोरोना के लक्षण होने के बावजूद आरटीपीसीआर टेस्ट में डिटेक्ट नहीं हो पा रहा है जो खतरे की घंटी है.
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उन्होंने बताया कि शुरुआती दौर में आये मरीजों को सांस लेने दिक्कत थी और दो कदम चलने में सांस फूल रहा था लेकिन आज के दिनों में सभी मरीज अब पहले से बेहतर हालत में हैं.


सिविल सर्जन ने बताया कि सर्दी, खांसी, पेट खराब होना, सिर दर्द, बार-बार बीमार होना, बदन दर्द, सांस फूलना, हांफना, कोरोना के लक्षण होने के बावजूद किसी की रिपोर्ट पॉजिटिव नहीं आयी है.
आरटीपीसीआर से कैसे बच रहा वायरस?
अब दिक्कत ये आ रही है कि वायरस अपना रूप बदल चुका है और टेस्टिंग किट में इस्तेमाल हो रहा सीक्वेंस पुराना है. इस कारण वायरस को डिटेक्ट करने में ये तकनीकी समस्या आ रही है.
सिविल सर्जन ने बताया कि कई मरीज हैं जिनको दो दिन पहले तेज बुखार और सिरदर्द था और आरटॉपीसीआर टेस्ट कराया लेकिन अगले दिन रिपोर्ट आई तो निगेटिव निकली है.
सिविल सर्जन ने कहा कि अगर कोरोना वायरस के लक्षण हैं और रिपोर्ट निगेटिव आती है तब भी लापरवाही न करें और तत्काल डॉक्टरों की सलाह पर दवा लें. साथ ही ऐसे लोगों को डॉक्टर चेस्ट सीटी स्कैन कराने की सलाह दे रहे हैं. अगर उनके फेफड़ों में हल्के हरे या भूरे रंग के पैच दिखते हैं तो ये कोविड-19 का एक विशिष्ट लक्षण है.
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