
Chhaya
Ranchi: लॉकडाउन की मार से देश की अर्थव्यवस्था पर हर तरफ से पड़ी है. अर्थव्यवस्था की हालत सुधरने में काफी वक्त लगेगा. कोरोना संकट में हर सेक्टर में आफत आयी है. जिससे बेरोजगारी दर में लगातार इजाफा हो रहा है. सेंटर ऑफ मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनामी (सीएमआइई) के आंकड़े इसकी पुष्टि करते हैं. झारखंड में भी लॉकडाउन का असर देखा जा रहा है.
मई में जब देश की बेरोजगारी दर 23.48 प्रतिशत थी. तब झारखंड की बेरोजगारी दर 59.2 प्रतिशत थी. पिछले साल जुलाई के बाद से देश में इकोनॉमी स्लोडाउन का दौर जारी रहा. अलग-अलग सेक्टर्स में मैन पावर घटाये जाने की वजह से लोगों की नौकरियां गयीं. कई कंपनियां और फैक्टिरयां घाटे की वजह से बंद हो गयीं.


पिछले साल के इकोनॉमी स्लोडाउन के मुकाबले इस साल के लॉकडाउन के दौरान ज्यादा बेरोजगारी बढ़ी. सिर्फ साल 2019 के सिंतबर से दिसंबर तक देश का बेरोजगारी दर 7.52 प्रतिशत था. जबकि झारखंड का बेरोजगारी दर सिंतबर में 10.9 प्रतिशत, अक्टूबर में 9.9 प्रतिशत, नवंबर 10.6 प्रतिशत और दिसंबर में 17.0 प्रतिशत रहा.




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लॉकडाउन में बढ़ी बेरोजगारी दर
इस साल जनवरी से देखें तो राज्य की बेरोजगारी दर 10.6 प्रतिशत रही. फरवरी में 11.8 और मार्च में 8.2 प्रतिशत थी. लॉकडाउन के बाद अप्रैल महीने में राज्य की बेरोजगारी दर बढ़ी. सीएमआइइ ने अप्रैल में यह दर 47.1 प्रतिशत नोट किया. जो साल की सबसे अधिक बेरोजगारी दर रही.
मई के महीने में भी कुछ छूट के साथ लॉकडाउन जारी रहा. इस दौरान 59.2 प्रतिशत बेरोजगारी दर रही. जबकि जनवरी से अप्रैल तक राज्य की श्रम प्रतिभागिता दर 41.74 प्रतिशत रही. ये आकंड़े स्पष्ट बताते हैं कि राज्य में तेजी से बेरोजगारी दर बढ़ी है. जो श्रम प्रतिभागिता से भी ज्यादा है. इस साल जनवरी से अप्रैल तक राज्य की बेरोजगारी दर 15.50 से 16.68 प्रतिशत रही.
हर क्षेत्र में बढ़ती गयी बेरोजगारी
कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए लागू लॉकडाउन का असर ये हुआ कि ग्रामीण और शहरी सभी अर्थव्यवस्था इससे प्रभावित हैं. सीएमआइई की जनवरी से अप्रैल तक के स्टेटिकल रिपोर्ट के अनुसार, राज्य के शहरी क्षेत्र में इस दौरान बेरोजगारी बढ़ी. सिर्फ अप्रैल तक में शहरी क्षेत्र में 27.55 प्रतिशत बेरोजगारी दर रही. जबकि राष्ट्रीय औसत 24.95 प्रतिशत शहरी बेरोजगारी के लिए रही.
आंकड़े बताते हैं कि राज्य की बेरोजगारी दर राष्ट्रीय औसत से अधिक है. ग्रामीण क्षेत्रों में इस दौरान 12.73 प्रतिशत बेरोजगारी रही. अप्रैल में राष्ट्रीय औसत 22.89 प्रतिशत रही. राज्य की मई में ग्रामीण बेरोजगारी दर 55.1 प्रतिशत रही.
पिछले साल इन्हीं महीनों का क्या था हाल
साल 2019 के शुरूआती महीनों से ही राज्य की बेरोजगारी दर बढ़ती दिखी. इस साल जनवरी से अप्रैल तक के आंकड़े ये बताते हैं. वहीं पिछले साल जनवरी में बेरोजगारी दर 7.22 प्रतिशत रही. फरवरी में 7.76 प्रतिशत, मार्च में 8.75 प्रतिशत और अप्रैल में 23. 52 प्रतिशत बेरोजगारी दर रही. इसके बाद लगातार बेरोजगारी दर बढ़ती गयी.
क्या है सीएमआइई
सेंटर ऑफ मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी देश की अर्थव्यवस्था पर विश्लेषणात्मक डाटा तैयार करती है. सीएमआइई की ओर से बड़े स्तर पर सर्वे किये जाते हैं. जिसमें घरेलू आय, व्यय पैर्टन से लेकर बचत और निवेश पर सर्वे किया जाता है. सीएमआइई साल 1976 से कार्य कर रही है.
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