Washington: कोरोना वायरस का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है. दुनियाभर में इससे संक्रमित लोगों की संख्या 10 लाख के पार चली गयी है जबकि 50,000 से अधिक लोग जान गंवा चुके हैं. अभी तक एक दिन में सबसे अधिक मौत की संख्या अमेरिका से सामने आयी है.
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आधी से ज्यादा दुनिया के लॉकडाउन जैसे हालात में रहने के बावजूद यह विषाणु तेजी से फैल रहा है. अमेरिका, स्पेन व ब्रिटेन में हालात बेहद खराब हो गये हैं.
इस वैश्विक महामारी से अर्थव्यवस्था भी चरमरा रही है. नये आंकड़ों के अनुसार, 66.5 लाख अतिरिक्त अमेरिकियों ने पिछले सप्ताह बेरोजगारी लाभ के लिए हस्ताक्षर किये. इसके साथ ही मार्च के पिछले दो हफ्तों में एक करोड़ लोग अपनी नौकरी गंवा चुके हैं.
अर्थशास्त्रियों ने आगाह किया कि हालात और बिगड़ने वाले हैं. वित्तीय रेटिंग एजेंसी फिच ने गुरुवार को अनुमान जताया कि अमेरिका और यूरोजोन की अर्थव्यवस्थाएं इस तिमाही में 30 प्रतिशत तक सिकुडेंगी.
विश्व नेताओं ने इस संकट से निपटने के लिए बड़े वित्तीय सहायता पैकेजों की घोषणा की है और विश्व बैंक ने 15 महीनों में 160 अरब डॉलर आपात नकदी जारी करने की योजना को मंजूरी दी.
जॉन्स हॉप्किन्स विश्वविद्यालय के आंकड़ों के अनुसार अमेरिका में इस संक्रामक रोग से करीब 6,000 लोगों की मौत हो गयी है. इनमें से 1,100 से अधिक लोगों की मौत पिछले 24 घंटे में हुई. व्हाइट हाउस के विशेषज्ञों का कहना है कि इस बीमारी से 100,000 से 2,40,000 अमेरिकी जान गंवा सकते हैं. अमेरिका की करीब 85 प्रतिशत आबादी किसी न किसी तरह से घरों में सिमटी हुई है.
पिछले कुछ हफ्तों से यूरोप इस संकट का केंद्र बना हुआ है. ऐसे संकेत मिले हैं कि यह महामारी वहां चरम पर पहुंच सकती है. स्पेन और ब्रिटेन में 24 घंटे के दौरान क्रमश: 950 और 569 लोगों की मौत हुई है.
अकेले इटली और स्पेन में ही पूरी दुनिया में मरने वाले लोगों की आधी संख्या है लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि दोनों देशों में नए संक्रमण के मामले कम हो रहे हैं.
इस वायरस ने मुख्य रूप से बुजुर्ग और पहले से बीमार लोगों को अपना निशाना अधिक बनाया है. लेकिन किशोरों और यहां तक कि छह माह की एक बच्ची की मौत के मामलों ने सभी आयु वर्ग के लोगों के लिए खतरा पैदा कर दिया है.
ब्रिटेन में प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने ‘‘बड़ी संख्या में लोगों की जांच’’ करने का आह्वान किया. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि आने वाले हफ्तों में एक दिन में 100,000 लोगों की जांच करने का लक्ष्य है. खुद कोविड-19 की चपेट में आए जॉनसन की बड़े पैमाने पर जांच न कराने के लिए आलोचना की गयी.
रूस में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 3,500 होने पर अप्रैल के अंत तक ‘वैतनिक गैर कामकाजी अवधि’ बढ़ा दी है. रूस की ज्यादातर आबादी बंद जैसे हालात में रह रही है.
Washington: कोरोना वायरस का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है. दुनियाभर में इससे संक्रमित लोगों की संख्या 10 लाख के पार चली गयी है जबकि 50,000 से अधिक लोग जान गंवा चुके हैं. अभी तक एक दिन में सबसे अधिक मौत की संख्या अमेरिका से सामने आयी है.
आधी से ज्यादा दुनिया के लॉकडाउन जैसे हालात में रहने के बावजूद यह विषाणु तेजी से फैल रहा है. अमेरिका, स्पेन व ब्रिटेन में हालात बेहद खराब हो गये हैं.
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कोरोना की चपेट में अर्थव्यवस्था
इस वैश्विक महामारी से अर्थव्यवस्था भी चरमरा रही है. नये आंकड़ों के अनुसार, 66.5 लाख अतिरिक्त अमेरिकियों ने पिछले सप्ताह बेरोजगारी लाभ के लिए हस्ताक्षर किये. इसके साथ ही मार्च के पिछले दो हफ्तों में एक करोड़ लोग अपनी नौकरी गंवा चुके हैं.
अर्थशास्त्रियों ने आगाह किया कि हालात और बिगड़ने वाले हैं. वित्तीय रेटिंग एजेंसी फिच ने गुरुवार को अनुमान जताया कि अमेरिका और यूरोजोन की अर्थव्यवस्थाएं इस तिमाही में 30 प्रतिशत तक सिकुडेंगी.
विश्व नेताओं ने इस संकट से निपटने के लिए बड़े वित्तीय सहायता पैकेजों की घोषणा की है और विश्व बैंक ने 15 महीनों में 160 अरब डॉलर आपात नकदी जारी करने की योजना को मंजूरी दी.
जॉन्स हॉप्किन्स विश्वविद्यालय के आंकड़ों के अनुसार अमेरिका में इस संक्रामक रोग से करीब 6,000 लोगों की मौत हो गयी है. इनमें से 1,100 से अधिक लोगों की मौत पिछले 24 घंटे में हुई. व्हाइट हाउस के विशेषज्ञों का कहना है कि इस बीमारी से 100,000 से 2,40,000 अमेरिकी जान गंवा सकते हैं. अमेरिका की करीब 85 प्रतिशत आबादी किसी न किसी तरह से घरों में सिमटी हुई है.
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दुनिया को कोरोना ने जकड़ा
पिछले कुछ हफ्तों से यूरोप इस संकट का केंद्र बना हुआ है. ऐसे संकेत मिले हैं कि यह महामारी वहां चरम पर पहुंच सकती है. स्पेन और ब्रिटेन में 24 घंटे के दौरान क्रमश: 950 और 569 लोगों की मौत हुई है.
अकेले इटली और स्पेन में ही पूरी दुनिया में मरने वाले लोगों की आधी संख्या है लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि दोनों देशों में नए संक्रमण के मामले कम हो रहे हैं.
इस वायरस ने मुख्य रूप से बुजुर्ग और पहले से बीमार लोगों को अपना निशाना अधिक बनाया है. लेकिन किशोरों और यहां तक कि छह माह की एक बच्ची की मौत के मामलों ने सभी आयु वर्ग के लोगों के लिए खतरा पैदा कर दिया है.
ब्रिटेन में प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने ‘‘बड़ी संख्या में लोगों की जांच’’ करने का आह्वान किया. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि आने वाले हफ्तों में एक दिन में 100,000 लोगों की जांच करने का लक्ष्य है. खुद कोविड-19 की चपेट में आए जॉनसन की बड़े पैमाने पर जांच न कराने के लिए आलोचना की गयी.
रूस में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 3,500 होने पर अप्रैल के अंत तक ‘वैतनिक गैर कामकाजी अवधि’ बढ़ा दी है. रूस की ज्यादातर आबादी बंद जैसे हालात में रह रही है.
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