
Ranchi : कोरोना के बढ़ते खतरे का असर राजस्व संग्रह पर भी पड़ रहा है. झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और राज्य के वित्त तथा खाद्य आपूर्ति मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव के मुताबिक कोरोना संक्रमण से उत्पन्न स्थिति के कारण राज्य में राजस्व संग्रह घट कर 50 प्रतिशत हो गया है.
बुधवार को रांची स्थित कांग्रेस भवन में प्रदेश कांग्रेस राहत एवं निगरानी समिति के कंट्रोल रूम में पत्रकारों से उन्होंने कहा कि फिलहाल कृषि, खनन और निर्माण कार्य पर रोक नहीं है.
इस वजह से राजस्व संग्रह पर पिछले वर्ष के पूर्ण लॉकडाउन की तरह व्यापक असर नहीं पड़ा है. परंतु चालू वित्तीय वर्ष में भी राजस्व संग्रह का लक्ष्य प्रभावित हुआ है. मौके पर प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष केशव महतो कमलेश, प्रवक्ता आलोक कुमार दुबे समेत अन्य नेता भी मौजूद थे.


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जारी रहेंगी पाबंदियां
रामेश्वर उरांव ने बताया कि राज्य में कोरोना संक्रमण से उत्पन्न स्थिति के मद्देनजर कांग्रेस पार्टी फिलहाल पाबंदियों को लागू करने के पक्ष में है. संक्रमण के फैलाव पर अंकुश के लिए धार्मिक और सामाजिक कार्यक्रमों पर अंकुश लगाना भी जरूरी है.
20 सूत्री प्रभारी मंत्री के रूप में वे मंगलवार को गुमला में बैठक में हिस्सा लेने गये थे. वहां लोगों ने बताया कि इस बार कोरोना संक्रमण का खतरा चैनपुर और डुमरी में भी फैल गया है. पिछले साल संक्रमण का खतरा गांवों में नहीं पहुंचा था. इसलिए अभी जरूरत इस बात की है कि ग्रामीण क्षेत्रों में गैदरिंग पर अंकुश लगाया जाये.
रामेश्वर उरांव ने कहा कि कोरोना संक्रमण के खतरे को कम करने को 18 वर्ष से अधिक उम्र के युवाओं को वैक्सीन लेना चाहिए. वैक्सीन से कोरोना संक्रमण का खतरा काफी कम हो जाता है, राज्य सरकार की ओर से वैक्सीन के लिए कंपनियों को अग्रिम राशि का भी भुगतान कर दिया गया है, लेकिन कंपनियों की ओर से 15 मई के पहले वैक्सीन उपलब्ध कराने में असमर्थता जतायी गयी है.
यदि केंद्र सरकार की ओर से वैक्सीन उपलब्ध करा दी जाती है तो युवाओं के लिए राज्य सरकार की ओर से तुरंत टीकाकरण का काम शुरू कर दिया जायेगा.
दुनियाभर के वैज्ञानिकों का मानना है कि पहला और दूसरा डोज लेने के बाद कोरोना संक्रमण काफी कम घातक रह जाता है. इसे लेकर लोगों में अब जागरुकता आ रही है. कांग्रेस पार्टी की ओर से लोगों को जागरूक कर टीका लेने के लिए प्रेरित किया जा रहा है.
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जल्दी उबरेगा झारखंड
मंत्री ने कहा कि वे आशावान हैं कि जिस तरह से वर्ष 2020 में कोरोना को हराने में झारखंड के लोगों ने सफलता हासिल की थी, उसी तरह से इस बार भी जीत मिलेगी. इस साल अचानक तेजी से हुए संक्रमण के फैलाव के कारण स्थितियां बिगड़ी हैं.
मुख्यमंत्री प्रतिदिन बैठक कर स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं. हेमंत सोरेन के नेतृत्व में वर्तमान संकट से भी जल्द ही झारखंड उबरने में सफल होगा.
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