
Dhanbad: झरिया के टायर शोरूम के मालिक रंजीत साव की हत्या की गुत्थी को पुलिस ने सुलझा लिया है. इस कांड में संल्पित दो अपराधी विजय गर्ग और हुमायूं खान को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. वहीं एक बार फिर यह साबित हो गया है कि धनबाद जेल में बंद अपराधी शहर का माहौल बिगाड़ते हैं. रविवार को एसएसपी संजीव कुमार ने प्रेस वार्ता में बताया कि रंजीत की हत्या रंगदारी के कारण नहीं हुई थी. बल्कि, पुरानी रंजिश और कालाबाजारी की दुनिया में एक क्षत्र राज कायम करने के इरादा से पूरी प्लानिंग के साथ रंजीत की हत्या की गई.

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रंजीत हत्याकांड का परत दर परत खोलते हुए धनबाद के एसएसपी संजीव कुमार ने बताया कि धनबाद जेल में बंद भोलू यादव और सद्दाम ने अपने दोस्त विजय गर्ग के काला साम्राज्य में रोड़ा बन रहे रंजीत साव की हत्या करने की न सिर्फ योजना बनाई बल्कि हत्या करवा भी दिया. मात्र सत्तर हजार रुपये में टायर व्यवसायी रंजीत की हत्या अपराधियों ने कर दी.
एसएसपी ने बताया कि अबतक के अनुसंधान में यह सामने आया है कि पुरानी रंजिश और पीडीएस के अनाज का अवैध कारोबार रंजीत की हत्या के पीछे की वजह है. झरिया का विजय गर्ग जन वितरण प्रणाली के राशन की कालाबाजारी का मास्टर माइंड है. विजय गर्ग पीडीएस के कालाबाजारी की दुनिया में एक क्षत्र राज कायम करना चाहता था. पीडीएस के अनाज की कालाबाजारी करने के आरोप में विजय गर्ग हाल ही में जेल भी गया था. जेल में वह भोलू यादव के साथ रहता था. उसी दौरान उसने भोलू यादव से रंजीत साव की हत्या कराने की बात की. जेल में ही यह प्रोग्राम सेट हो गया.
धनबाद जेल में बंद भोलू यादव के साथ मिलकर विजय गर्ग ने रंजीत साव की हत्या की योजना बनाई और इस हत्या में सद्दाम जोकि जेल में ही बंद है उसके साथ मिलकर पूरी प्लानिंग की गई. विजय गर्ग और हुमायूं खान के अलावे बाहर से दो शूटरों को बुलाकर घटना को अंजाम दिया गया.
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मात्र 70 हजार रुपये की सुपारी लेकर कर दी टायर व्यवसायी रंजीत की हत्या
धनबाद के एसएसपी संजीव कुमार ने रंजीत हत्याकांड का खुलासा करते हुए कहा कि जमानत पर जेल से विजय गर्ग के छूटने के बाद भोलू यादव ने उससे संपर्क किया और एक व्यक्ति के यहां एक लाख रुपया पहुंचा देने की बात कही. विजय गर्ग ने उतनी राशि पहुंचा दिया. बाद में भोलू यादव का भाई और हुमायूं खान ने उस व्यक्ति से रुपया ले लिया. जिसमे से भोलू यादव के भाई को तीस हजार और हुमायूं को सत्तर हजार मिले. जेल से सद्दाम और भोलू ने हुमायूं को कहा कि वह पिस्टल का इंतजाम रखे, दो बाहरी लोग जाएंगे, उन्हे पिस्टल दे देना है. विजय गर्ग नही चाहता था कि उसका नाम और चेहरा किसी के सामने आए.
एसएसपी संजीव कुमार ने बताया कि योजना के मुताबिक दो शूटर आए, जिन्हे हुमायूं ने पिस्टल उपलब्ध करा दिया. दोनों शूटर ने रंजीत साव को गोली मार दी. भोलू प्लान के मुताबिक दोनों शूटर को सुरक्षित बोकारो तक भेजवा दिया.
बताते चलें कि 29 अप्रैल की शाम करीब 4.30 बजे बाइक सवार तीन अपराधी झरिया के ऊपरकुल्ही सिंदरी रोड स्थित रंजीत साव की टायर दुकान पहुंचे और दो युवकों ने गोली मारकर हत्या कर दी. हत्यारों ने पांच गोली मारी थी. घटनास्थल से तीन खोखे और आठ गोलियों से लोड मैगजीन बरामद हुआ था.
एसएसपी संजीव कुमार ने घटना के बाद तत्काल रिश्मा रमेष्ण (सिटी एसपी) और सिंदरी डी एसपी के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया और टेक्निकल सेल के सहयोग से अपराधियों का सुराग ढूंढने में सफल हुए. दूसरी ओर एसएसपी ने न्यायालय में कुछ लोगों का 164 के तहत बयान भी दर्ज करवा दिया. रंजीत हत्या कांड में शामिल भोलू और सद्दाम पहले से ही जेल में बन्द हैं. हुमायूं और विजय गर्ग को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. हुमायूं के पास से बरामद पिस्टल को फोरेंसिक जांच के लिए भेज दिया गया है.
अपराध करने की सोचेगा तो उसे पुलिस किसी हाल में नही बख्शेगी: SSP
एसएसपी संजीव कुमार ने कहा कि पिछले छह सात महीने में जो भी घटनाएं हुई हैं, धनबाद पुलिस ने सभी कांडो का उदभेदन किया है. अपराधी उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल जहां भी भागकर शरण लेवें, हमारी टीम उन्हें खींचकर धनबाद ले आई है. धनबाद जिला में कोई अपराध करने की सोचेगा तो उसे पुलिस किसी हाल में नही बख्शेगी.
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