
NewDelhi : खबर है कि कांग्रेस नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और नैशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस (NRC) के खिलाफ प्रदर्शनों पर फूंक-फूंक कर कदम रखने की जगह मोदी सरकार से खुलकर दो-दो हाथ करने का मन बना चुकी है. हालांकि पार्टी के बड़े नेताओं ने आलाकमान को छात्रों के प्रदर्शनों से दूर रहने के साथ जगह-जगह हो रहे उत्पात को लेकर सतर्कता बरतने को कहा है. इन नेताओं का मानना है कि देशभर में हो रहे हिंसक प्रदर्शनों से सांप्रदायिक ध्रुवीकरण को बढ़ावा मिल सकता है.
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28 दिसंबर को सभी राज्यों की राजधानियों में फ्लैग मार्च !
जानकारी के अनुसार कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भविष्य में CAA और NRC के खिलाफ प्रदर्शन को लेकर पार्टी की भूमिका पर चर्चा के लिए गुरुवार को एक बैठक की थी. सूत्रों के अनुसार पार्टी की युवा इकाई ने आलाकमान से कहा कि छात्र देशव्यापी प्रदर्शन कर रहे हैं. कई प्रदर्शनों के आयोजन में उनकी भूमिका है. यूथ कांग्रेस के नेताओं की कहना था कि राजनीतिक दलों को इन प्रदर्शनों से दूर ही रखा जाना चाहिए. मंथन के क्रम में सुझाव आया कि एनएसयूआई और यूथ कांग्रेस की ओर से आयोजित प्रदर्शनों में पार्टी के वरिष्ठ नेता शामिल हो सकते हैं.
खबरों के अनुसार कांग्रेस ने अंतत: फैसला किया कि अब वह खुद प्रदर्शनों की एक श्रृंखला आयोजित करेगी. तय किया गचा कि कांग्रेस शासित राज्य CAA और NRC के विरोध में अपने-अपने मुख्यमंत्री के नेतृत्व में शांति मार्च निकालेंगे. इस क्रम में पार्टी की अलग-अलग इकाइयां कांग्रेस स्थापना दिवस पर 28 दिसंबर को सभी राज्यों की राजधानियों में फ्लैग मार्च निकालेंगी.
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