Kolkata: ‘वंदे मातरम्’ बंग-भंग आंदोलन के क्रांतिकारियों का गीत था. कांग्रेस ने गीत के हिस्से को प्रतिबंधित करके इसे धर्म विशेष से जोड़ा. अगर कांग्रेस ने इसके टुकड़े न किए होते तो देश के भी टुकड़े नहीं होते. ये कहना है बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह का.
वंदे मातरम् यानि मातृभूमि की वंदना
अमित शाह ने कहा कि मुसलमानों को बंकिमचंद्र और उनके विचारों से कभी एतराज नहीं था. बंगाल विभाजन के समय हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई सबके लबों पर वंदे मातरम् के नारे थे. लेकिन आपसी गुटबाजी में फंसी कांग्रेस ने सबसे पहले आवाम के बीच ये प्रचारित करवाया कि वंदे मातरम् यानि मातृभूमि की वंदना किसी खास धर्म के लिए नहीं है.
अमित शाह ने कहा कि इतिहासकार कभी खिलाफत आंदोलन को, तो कभी अंग्रेजों की फूट डालो और राज करो की नीति को और कभी-कभी मुस्लिम लीग के द्विराष्ट्र के सिद्धांत को जिम्मेदार ठहराते हैं. लेकिन मैं कहना चाहता हूं कि कांग्रेस के तुष्टीकरण की नीति के आगे झुकते हुए वंदे मातरम के केवल दो स्टैंजा लेने का निर्णय भारत के विभाजन का कारण बना.
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सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के पहले कवि थे बंकिमचंद्र


अपने पश्चिम बंगाल के दौरे के दौरान अमित शाह कोलकाता में श्यामा प्रसाद मुखर्जी रिसर्च फाउंडेशन की ओर से आयोजित पहले बंकिम चंद्र चटोपाध्याय मेमोरियल लेक्चर में बोल रहे थे. उन्होने कहा कि बंकिमचंद्र सांस्कृतिक राष्ट्रवाद को समझते थे. सांस्कृतिक राष्ट्रवाद का मतलब है कि देश एक है इसलिए नहीं कि कोई राजनीतिक ईकाई दिल्ली से इसे चला रही है. हिंदुस्तान एक है क्योंकि हमारी संस्कृति, हमारी विरासत एक है. हर भारतवासी उत्तर से दक्षिण और पूरब से पश्चिम तक एक दूसरे से भावनाओं के स्तर पर बंधा हुआ है.
अमित शाह ने कहा कि उत्तर भारत के लोग रामेश्वरम की मिट्टी माथे पर लगाते हैं और तमिलनाडु के लोग बद्रीनाथ को पूजते हैं, कारु-कामख्या के लिए गुजरात के लोगों के मन में भी वहीं श्रद्धा है जो बंगाल के लोगों के मन में सोमनाथ को लेकर है. उन्होंने कहा कि भारत किसी भू-भाग विशेष से नहीं जुड़ा है, बल्कि यह अलग-अलग संस्कृति से जुड़ा है. भारत के राष्ट्रवाद की परिभाषा इतनी छोटी नहीं हो सकती है. वंदे मातरम को किसी भी रूप में धर्म विशेष से नहीं जोड़ा जा सकता है. लेकिन कांग्रेस ने ऐसा किया है, उसने गीत के हिस्से को प्रतिबंधित करके इसे धर्म विशेष से जोड़ा.
वीडियो-साभार एएनआई
वंदे मातरम् को धार्मिक रंग देना पाप-शाह
अमित शाह ने कहा कि स्वतंत्रता से पहले जब कांग्रेस ने प्रांतीय सरकारें बनाई थी, तब उसने वंदेमातरम को राष्ट्रगीत बनाया था, लेकिन एक समुदाय के तुष्टिकरण के लिए केवल पहले दो अंतरे ही गाए जाते थे. उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस ने यह गलती नहीं की होती, तो देश का विभाजन नहीं हुआ होता.
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