
- कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच शुरू किया गया खनन कार्य
Hazaribagh : एनटीपीसी पकरी बरवाडीह कोल माइन्स में बुधवार को कोयला खनन कार्य बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात कर शुरू किया गया. यहां दो सितंबर से खनन बंद था. कोयला खनन बंद होने से ढाई महीने में 21 लाख टन कोयले का उत्खनन प्रभावित हुआ.
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विस्थापित संघर्ष मोर्चा के आंदोलन की वजह से बंद था खनन
बता दें कि केंद्र सरकार के ऊर्जा मंत्रालय के सचिव और झारखंड सरकार के मुख्य सचिव के बीच एनटीपीसी कोयला खनन को लेकर पिछले दिनों रांची में बैठक हुई थी. केंद्र सरकार का राज्य सरकार पर काफी दबाव था कि उत्खनन कार्य शुरू कराया जाये. राज्य सरकार की ओर से चार सदस्यीय उच्चस्तरीय कमिटी भी बनायी गयी थी.
उत्तरी छोटानागपुर के आयुक्त कमल जॉन लाकड़ा कमिटी के अध्यक्ष थे. बड़कागांव विधायक अंबा प्रसाद समेत कमिटी में तीन अन्य सदस्यों को रखा गया था. इस कमिटी ने भी विस्थापित मोर्चा के साथ कई दौर की बैठकें की. 18 स्थानों पर विस्थापित संघर्ष मोर्चा के आंदोलन से उत्खनन कार्य बंद था.
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बड़कागांव विधायक अंबा प्रसाद कर रही थीं आंदोलन का नेतृत्व
बड़कागांव प्रखंड के 18 स्थानों पर विस्थापित संघर्ष मोर्चा के बैनर तले जनता आंदोलन कर रही थी. बड़कागांव विधायक अंबा प्रसाद ने आंदोलन का नेतृत्व करते हुए जनता के हित में कई मांगों को रखा था. भूमि मुआवजा दर बढ़ाने, विस्थापितों के पुनर्वास की व्यापक व्यवस्था, स्थानीय लोगों को रोजगार देने समेत कई मांगें जनता की ओर से रखी गयी थीं.
जिला प्रशासन ने आंदोलनकारियों से मिलकर उनकी मांगों पर कई दौर की बैठकें की. जिला प्रशासन की ओर से सदर एसडीओ और अन्य अधिकारियों ने कई बार विस्थापित संघर्ष मोर्चा के आंदोलनकारियों के साथ वार्ता की.
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कई दौर की बैठकों के बाद शुरू हो पाया खनन
जिला अधिकारी के कक्ष में भी आंदोलनकारियों और एनटीपीसी के अधिकारियों के साथ बैठक हुई. जिला प्रशासन के प्रस्ताव पर बारी-बारी से धरना-प्रदर्शन समाप्त कराते हुए पहले डम्प किये गये कोयले की ट्रांसपोर्टिंग की गयी, तत्पश्चात अब ढाई महीने के बाद कोयला खनन शुरू किया गया.
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