
Ranchi: रांची, रामगढ़, लोहरदगा, लातेहार व चतरा जिला में रेलवे कोल साइडिंग से गैंगस्टर अमन श्रीवास्तव रंगदारी वसूलता है. इस काम में उसे कोयला कारोबार से जुड़े दो लोगों और झारखंड में अफसरों के बीच पैठ रखने वाला गुप्ता का संरक्षण मिलता है.
कोल कारोबार से जुड़े दो लोगों में से एक कोल ट्रांसपोर्ट से जुड़ा कारोबारी अग्रवाल है, जबकि दूसरा साहू है. साहू सरनेम वाले कारोबारी के बारे में बताया जाता है कि वह माइंस से साइडिंग तक कोल ट्रांसपोर्टिंग का काम करने के अलावा अवैध कोयला कारोबार भी करता है. गुप्ता सरनेम वाले व्यक्ति उसके लिये पुलिस अफसरों को मैनेज करता है.
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रांची, रामगढ़, लोहरदगा, लातेहार व चतरा में सिर्फ अमन श्रीवास्तव गैंग ही नहीं है. इस क्षेत्र में विकास तिवारी का गिरोह भी रंगदारी वसूली करता है.
पक्की सूचना है कि दोनों गिरोहों को कुछ पुलिस अफसरों का भी संरक्षण मिला हुआ है. लेकिन फिलवक्त अमन श्रीवास्तव गिरोह का पलड़ा भारी है.
कोल ट्रांसपोर्टरों से रंगदारी की मांग की शिकायत मिलने पर करीब 7 माह पहले तत्कालीन मुख्य सचिव और डीजीपी ने एक बैठक कर पुलिस को आदेश दिया था कि अमन श्रीवास्तव गैंग समेत अन्य गिरोहों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाये. लेकिन अब तक पुलिस ने इनके खिलाफ कार्रवाई नहीं की.
पुलिसिया कार्रवाई नहीं होने की वजह से रांची के खेलारी स्थित केडी ओल्ड, पिस्का, चतरा का राजधर, लोहरदगा का बड़कीचापी, लातेहार का टोरी, वीरा टोली, कुसमाही, बालुमाथ, फुलबसिया के अलावा रामगढ़ का बड़काकाना, पतरातू और भुरकुंडा में स्थित रेलवे साइडिंग में जुड़े व्यवसायियों को लगातार अपराधियों की धमकी मिल रही है.
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प्रति रैक 50-60 हजार रंगदारी की मांग
कोयला ट्रांसपोर्टिंग से जुड़े एक व्यवसायी ने बताया कि अमन श्रीवास्तव लगातार फोन करके धमकी दे रहा है. वह कोयला के एक रैक पर 50-60 हजार रुपये की रंगदारी मांगता है. और रंगदारी नहीं देने पर अंजाम भुगतने की धमकी भी देता है.
व्यवसायी ने बताया कि रंगदारी नहीं देने पर श्रीवास्तव गिरोह के अपराधियों ने 22 दिसंबर 2018 को लोहरदाग के बड़कीचापी में कोयला साइडिंग पर फायरिंग की थी.
साथ ही कोयला लोडिंग के काम में लगे एक पेलोडर को जला दिया था. और घटनास्थल पर पर्चा छोड़ कर घटना की जिम्मेदारी ली थी. इससे पहले लातेहार के फुलबसिया कोल साइडिंग पर भी इसी गिरोह के अपराधियों ने गोली चलवायी थी.
अग्रवाल को छोड़ कर किसी का नहीं होगा काम
अमन श्रीवास्तव गिरोह अब सिर्फ रंगदारी ही नहीं वसूलता. किसी खास कोल ट्रांसपोर्टर से पैसा लेकर दूसरे ट्रांसपोर्टर को काम करने से रोकने का भी काम करता है. इसका खुलासा अक्टूबर 2017 में हुआ था.
तब लातेहार के टोरी रेलवे साइडिंग में फायरिंग की घटना हुई थी. फायरिंग की घटना करने वाले अपराधियों ने वहां एक पर्चा छोड़ा था. जिसमें साफ लिखा था कि इस क्षेत्र में ट्रांसपोर्टर अग्रवाल के अलावा कोई भी व्यवसायी काम नहीं करेगा.
श्रीवास्तव गैंग और पांडेय गिरोह में वर्चस्व की लड़ाई
श्रीवास्तव गैंग और पांडेय गिरोह में वर्चस्व की लड़ाई लंबे समय से है. दोनों गिरोहों के सरगना क्रमशः सुशील श्रीवास्तव और भोला पांडेय.
किशोर पांडेय की हत्या के दौरान पुलिस की कमजोरियां सार्वजनिक हैं. भोला पांडेय और शुशील श्रीवास्तव की हत्या तो तब की गयी, जब दोनो पुलिस की हिरासत में थे.
किशोर पांडेय की हत्या भी तब की गयी, जब वह एक पुलिस अफसर से मिलकर घर जा रहा था. किशोर की हत्या के बाद जहां विकास तिवारी पांडेय गिरोह का हेड बन गया, वहीं सुशील श्रीवास्तव की हत्या के बाद उसका बेटा अमन श्रीवास्तव गिरोह का सरगना बना.
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