Ranchi : राज्य में 5 सीएम स्मार्ट विलेज बनाये जाने की योजना है. वर्ष 2018 में इसके लिए चुनी गयी पांच पंचायतों के साथ ग्रामीण विकास विभाग का एमओयू हुआ था. दो सालों के भीतर स्मार्ट विलेज पर काम पूरा किये जाने का दावा किया गया था. पर ऐसा हो नहीं सका.
डीपीआर बनाने और उसे फाइनल किये जाने के नाम पर फाइलें इधर से उधर दौड़ायी जा रही हैं. इस फेर में पांच पंचायतों की चमकदार तस्वीर बनाने की बात पीछे रह गयी है. अगस्त 2020 में फिर से पांचों पंचायतों के साथ नया एमओयू हुआ है. अब अक्टूबर 2022 तक स्मार्ट ग्राम तैयार किये जाने का टारगेट बनाया गया है.
जिन पंचायतों को बनाया जायेगा स्मार्ट विलेज


गुमला में शिवराजपुर, रांची में गिंजो ठाकुर ग्राम, हजारीबाग में चेनारो, बोकारो में बुंडू और पूर्वी सिंहभूम में कन्ताशोल पंचायत.


फिर से तैयार होगा डीपीआर
2016-17 में पांच पंचायतों का चयन सीएम स्मार्ट विलेज के लिए हुआ था. स्मार्ट विलेज के लिए चयनित सभी पंचायतों के लिये लगभग एक-एक करोड़ रुपये तय किये जा चुके हैं. नवंबर 2018 में पांचो पंचायतों के साथ ग्रामीण विकास विभाग ने एमओयू किया था.
इसके मुताबिक ग्राम विकास योजना (वीडीपी) के बाद उसके लिये डीपीआर (डिटेल प्रोग्राम रिपोर्ट) फाइनल किया जाना था. यह सब किये जाने के बाद ही पंचायतों में स्मार्ट विलेज संबंधी योजनाओं पर काम शुरू होगा. 2020 तक सभी स्कीम पर काम पूरा कर लिये जाने का लक्ष्य था.
पर डीपीआर पंचायतें ही बनायेंगी या इसमें डीआरडीए (जिला ग्रामीण विकास अभिकरण) का भी रोल होगा, इस उलझन में ही दो साल पार हो गये. अब फिर से पांचों पंचायतों को डीपीआर तैयार करने का काम दिया गया है.
केवल एक पंचायत को लाभ
2019 में कंताशोल पंचायत ने 57 स्कीमों के लिए कुल 70.83 लाख रुपये का डीपीआर विभाग को सौंपा था. इसे स्वीकृति मिली. इस पर उसे 8.50 लाख रुपये की पहली किस्त जारी की गयी.
इसके अलावा चेनारो ग्राम पंचायत ने 21 स्कीमों के लिए 79.80 लाख रुपये का डीपीआर तैयार किया है. वैसे सभी पंचायतों को फिर से डीपीआर तैयार करने का निर्देश मिला है.
कहती है पंचायत
बुंडू मुखिया अजय सिंह के अनुसार वीडीपी तैयार पड़ी है. पर डीपीआर के लिये पंचायत पूरी तरह सक्षम नहीं है. फिलहाल डीआरडीए, बोकारो इसमें पहल कर रहा है. पूर्व में विभाग को वीडीपी और डीपीआर बनाने में मदद करने को एक संस्था से सहयोग को लिखा था.
गिंजो ठाकुर ग्राम के सरपंच लक्ष्मी नारायण चौरसिया के अनुसार या तो विभाग डीपीआर तैयार करके समय पर दे या फिर लिखित तौर पर कहें कि हम किसी एजेंसी-संस्था से मदद लें. डीपीआर के फेर में दो साल का नुकसान हो चुका है. जितनी जल्दी यह फाइनल होगा, स्मार्ट विलेज का काम शुरू होगा.
क्या कहता है डीआरडीए
बोकारो डीआरडीए इंजीनियर राम सुंदर पंडित के अनुसार 10 स्कीमों का डीपीआर हो चुका है. बाकी के लिये कुछ कोटेशन मंगाया गया है. निजी एजेंसी को हायर कर उसकी मदद से डीपीआर फाइनल किया जायेगा.
इस काम में पहले विलंब हुआ था. अब जल्दी ही इसे तय करके योजनाओं पर काम शुरू करा दिया जायेगा.
डीआरडीए, रांची से मिली जानकारी के मुताबिक गिंजो ठाकुर ग्राम के लिये डीपीआर लगभग तैयार है.
सितंबर के अंत तक इस पर सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली जायेंगी. अक्टूबर से ठाकुर ग्राम में स्मार्ट विलेज की योजनाओं पर काम आरंभ हो जायेगा.