
Ranchi : मुख्यमंत्री रघुवर दास और केंद्रीय कोयला एवं खनन मंत्री की बैठक शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास में हुई. इस अवसर पर सीएम ने केंद्रीय मंत्री से कहा कि कोल कंपनियां नियमों की अनदेखी करती हैं.
सीएम ने कहा, “खनन क्षेत्रों में लोग धूल के बीच जिंदगी जीने को विवश हैं. इससे उन्हें मुक्ति दिलाना है. जहां माइनिंग समाप्त हो गयी है, उस स्थान को भर कर वहां पार्क, पब्लिक यूटिलिटी आदि विकसित करना कोल इंडिया की पॉलिसी के तहत है. लेकिन कोल कंपनियां इस नियम की अनदेखी करती हैं.”
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मुख्यमंत्री ने आगे कहा, “खनन प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के क्रम में आम लोगों से बातचीत के दौरान यह बात मेरे संज्ञान में आयी कि धूल के कारण लोगों को बीमारी हो रही है. दूषित जल पीना पड़ रहा है.”
उन्होंने केंद्रीय मंत्री जोशी से मांग की कि वैसे सभी माइन्स जिनमें खनन का काम पूरा हो गया हो, उसे भरकर पार्क बनायें. उसे विकसित कर वहां स्थानीय लोगों को बसाया जाये.
उन्होंने कहा कि कोल इंडिया और इसकी सब्सिडियरी कंपनियां कोयला खनन क्षेत्र में परिवहन तथा संलग्न कार्यों में उस खनन क्षेत्र के विस्थापित लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करें.
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केंद्र और राज्य सरकार का मकसद आम लोगों की जिंदगी में बदलाव लाना
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड में कोयले का अकूत भंडार होने के बाद भी यहां के लोग गरीब हैं. राज्य सरकार लघु और कुटीर उद्योगों को बढ़ावा दे रही है.
कोयला मंत्रालय झारखंड सरकार की इकाई जेएसएमडीसी को कोल ब्लॉक आवंटन करे, जिसके माध्यम से छोटे-छोटे उद्योगों को निर्बाध रूप से कोयले की सप्लाई की जा सके.
कुटीर उद्योगों से बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिलेगा. उनके जीवन स्तर में बदलाव आयेगा. सरकार इन लोगों को हुनरमंद बनाने के लिए कौशल विकास केंद्र खोलेगी जहां लोग प्रशिक्षण पाकर रोजगार व स्वरोजगार से जुड़ सकेंगे.
मौके पर मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ सुनील कुमार वर्णवाल, खान विभाग के सचिव अबू बकर सिद्दीकी, सीसीएल के सीएमडी गोपाल सिंह, कोयला मंत्रालय के वरीय अधिकारी उपस्थित थे.
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