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स्वच्छता का दावा फेल : अब निगम ने भी माना शहर की सफाई व्यवस्था नहीं है दुरुस्त

Ranchi :  बात करीब ढ़ाई माह पहले की है, जब स्वच्छता को लेकर स्वच्छता सर्वेक्षण सूची-2018 में रांची शहर को सिटीजन फीडबैक में देश के बेस्ट स्टेट कैपिटल का दर्जा मिला था. अब जबकि शहर की साफ-सफाई व्यवस्था चरमरा गयी है. ऐसे में शहर में चिकनगुनिया और डेंगू का प्रकोप काफी तेजी से फैला है. इस वजह से कई लोग सफाई व्यवस्था पर ही सवाल खड़ा कर रहे हैं. यह सवाल कोई और नहीं बल्कि स्वयं निगम के आला अधिकारी और पार्षद उठा रहे हैं. अधिकारी तो यहां तक स्वीकार कर रहे हैं कि वे शहर की सफाई व्यवस्था से संतुष्ट नहीं हैं. हालांकि यही अधिकारी सफाई कार्य न होने पर पूरा दोष रांची एमएसडब्ल्यू (रांची नगर निगम और एस्सेल इंफ्रा का ज्वाइंट वेंचर) पर मढ़ रहे हैं. लेकिन इस बात से भी परहेज नहीं किया जा सकता कि इसके पीछे निगम भी कई हद तक जिम्मेवार है. कारण यह है कि अभी भी रांची एमएसडब्ल्यू केवल 34 वार्ड में ही सफाई कार्य का जिम्मा संभाल रही है, जबकि बाकी वार्डों में सफाई का जिम्मा रांची नगर निगम का है.

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शहर में फैला रहा है, डेंगू और चिकनगुनिया का प्रकोप

मालूम हो कि इन दिनों राजधानी के कुछ वार्डों में चिकनगुनिया और डेंगू का प्रकोप तेजी से फैलता जा रहा है. ऐसी स्थिती में आज हिंदपीढ़ी, डोरंडा, कर्बला चौक के अलावा भी कई इलाके भी इस बीमारी की चपेट में हैं. इन इलाके के लोग इस महामारी के लिए रांची नगर निगम को ही जिम्मेवार बता रहे है. लोगों का कहना है कि निगम इलाके में सफाई कार्य सही तरीके से नहीं कर रहे हैं. महीनों तक कचरा उठाने वाला वाहन प्रभावित इलाकों में नहीं आता है. अगर कभी आ भी जाए, तो आधा-अधूरा कचरा उठाकर यहां से चला जाता है.

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लोग संतुष्ट नहीं हैं शहर की सफाई से, कंपनी पर लगाया आरोप

स्वच्छता सूची में रांची शहर का बेहतर स्थान और इन दिनों शहर में फैल रही महामारी के सवाल पर निगम की स्वास्थ्य पदाधिकारी किरण कुमारी ने न्यूज विंग से बातचीत की. उनका कहना था कि वर्तमान में शहर की साफ-सफाई को लेकर जो स्थिति बनी है, उससे वे खुद संतुष्ट नहीं हैं. लोगों के द्वारा निगम को अगर कूड़ा नहीं उठने की शिकायत मिलती है, तो फिर एक स्वास्थ्य पदाधिकारी होने के नाते सफाई को लेकर कैसे संतुष्ट रहा जा सकता है. हालांकि सफाई कार्य नहीं होने के पीछे उन्होंने आउटसोर्सिंग पर काम कर रही रांची एमएसडब्ल्यू को भी जिम्मेवार बताया. किरण कुमारी ने कहा कि सफाई का जिम्मा तो कंपनी को दिया गया, लेकिन निगम के अधिकारियों का उनपर कोई नियंत्रण नहीं है. सफाई कार्य को लेकर जिस लेवल पर कंपनी को काम करना चाहिए था, वो कंपनी नहीं कर रही है. पहले जब निगम सफाई कार्य का जिम्मा संभाल रही थी, उस दौरान जब भी कोई शिकायत मिलती थी, तो निगम के कई अधिकारी तुरंत उसका निदान करते थे. लेकिन आज स्थिति यह है कि जब भी कंपनी को सफाई कार्य के लिए कहा जाता है, तो कंपनी से जुड़े लोग बात नहीं सुनते हैं. इसके बाद भी कंपनी पर कोई कार्रवाई भी नहीं की जाती है. इस दौरान स्वास्थ्य पदाधिकारी ने स्थानीय लोगों से भी गंदगी ना फैलाने और बरसात के दौरान लोगों को जागरुक रहने की भी अपील की.

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पार्षद ने भी सूची पर खड़ा किया सवाल

सफाई कार्य नहीं होने से फैल रही चिकनगुनिया व डेंगू पर वार्ड नंबर 23 की पार्षद सजदा खातून ने भी स्वच्छता सूची पर सवाल खड़ा किया. उन्होंने न्यूज विंग संवाददाता को बताया कि निगम के अधिकारियों से यह सवाल करना चाहिए कि आखिर जब शहर में इतनी गंदगी फैली हो, तो स्वच्छता सर्वेक्षण सूची में कैसे राजधानी को सिटीजन फिडबैक में देश के बेस्ट स्टेट कैपिटल का दर्जा मिला.

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200 कर्मचारी हैं कार्यरत, गंदगी न फैलने दें शहरवासी  :   आशा लकड़ा

सफाई व्यवस्था को लेकर रांची की मेयर आशा लकड़ा का कहना है कि निगम के करीब 200 कर्मचारी सहित आउटसोर्सिंग में कार्यरत रांची एमएसडब्ल्यू इन दिनों सफाई व्यवस्था पर काम कर रही है. इसके बावजूद भी बरसात में कई नालियों में पानी जमा हो जाता है.  जिससे प्रभावित इलाकों में बीमारी का लार्वा फैल रहा है. उन्होंने लोगों से भी अपील की कि वे अपने आस-पास के इलाके में गंदगी ना फैलने दें.

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