
Kumar Gaurav
Ranchi : नगर विकास विभाग में 17 सिटी मैनेजरों की बहाली की जानी है. 15 सितंबर को परीक्षा ले ली गयी है. इस परीक्षा का परिणाम एक दिन बाद ही जारी कर दिया गया. 18 सितंबर को मत्स्य निदेशालय सभागार में इंटरव्यू लिया गया. इस प्रक्रिया में छात्र लगातार अनियमितता बरतने का आरोप लगा रहे हैं. छात्रों का कहना है कि परीक्षा प्रक्रिया में ना तो स्थानीयता नियमों का पालन किया गया है और ना ही आर्थिक रूप से गरीब स्वर्ण को आरक्षण दिया गया है.
छात्रों का कहना है इंटरव्यू में आये छात्रों में से मेरिट में टॉप आठ को राज्य से बाहर का बताया जा रहा है. कार्मिक विभाग के अनुसार संविदा पर नियुक्ति में भी स्थानीयता का पालन किया जाना है.
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सवर्ण आरक्षण का नहीं मिला है लाभ
सिटी मैनेजर की नियुक्ति में कुल आठ सिटी जनरल कैटेगरी की थी. आठ में से एक सीट गरीब सवर्ण कोटे के लिए आरक्षित था. परीक्षा में भाग लिये छात्रों का कहना है कि जब एक सीट गरीब सवर्ण के लिए आरक्षित है तो उसी हिसाब से मेरिट भी जारी किया जाना था.
पर इंटरव्यू के लिए जारी मेरिट में एक भी इस कोटे के छात्र नहीं थे. इसका जमकर विरोध छात्रों ने किया. छात्रों का कहना है कि निदेशक मृत्युंजन वर्णवाल कहते हैं कि न्यूनतम अंक प्राप्त नहीं किया था. जबकि विज्ञापन में साफ लिखा गया था कि अंक के हिसाब से टॉप तीन छात्रों को मेरिट में लिया जाना था.
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टॉप आठ में तीन छात्र उत्तर प्रदेश के
सिटी मैनेजर के इंटरव्यू में शामिल टॉप आठ में से तीन छात्र उत्तर प्रदेश के हैं. जबकि तीन अभ्यर्थियों को बिहार का बताया जा रहा है. छात्रों ने इसको लेकर अपनी शिकायत कार्मिक और नगर विकास विभाग में भी दर्ज कराया है पर किसी ने कोई कार्रवाई नहीं की.
नगर विकास विभाग में एक अन्य परीक्षा भी काफी दिनों से नहीं ली गयी. कनीय अभियंता की परीक्षा के लिए छात्र दो साल से इंतजार कर रहे हैं.
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