
Jamshedpur: भारतीय ट्रेड यूनियन केन्द्र (सीटू) ने केन्द्र सरकार की अग्निपथ योजना के माध्यम से सेना में भर्ती प्रक्रिया में सुधारों की निंदा की है और इन नौकरियों के इच्छुक युवाओं में फैले जायज गुस्से के परिणामी प्रभाव पर गहरी चिंता व्यक्त की है. कोल्हान सीटू के महासचिव कॉमरेड बिश्वजीत देव ने बताया कि नागरिक, विनिर्माण और सेवा क्षेत्र में हो रही नियुक्तियां की तरह अब देश की सेना में भी चिकित्सा, पेंशन , सामाजिक सुरक्षा और अन्य पोस्ट रिटायरमेंट लाभ के बिना अनुबंध के निश्चित अवधि की भर्ती के लिए अग्निपथ योजना को तैयार किया गया है. यह योजना उन युवाओं और उनके परिवार के सदस्यों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है, जिन्होंने सेना में स्थिर रोजगार की तलाश में कड़ी मेहनत कर रहे है.
उन्होंने आशंका व्यक्त की कि इसका हमारी सेना के मनोबल पर खराब प्रभाव पड़ेगा, जो देश की सुरक्षा और संप्रभुता को खतरे में डाल सकता है. यह पूरा प्रकरण सत्ताधारी दल के देशभक्त होने के तथाकथित दावे को झुठलाता है, क्योंकि वे सेना के जवानों की एक रैंक एक पेंशन की लंबे समय से लंबित मांग को नकारते हुए उनके पेंशन और सामाजिक सुरक्षा को खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं.सीटू केंद्र सरकार की उन सभी अमीर परस्त, जन-विरोधी नीतियों का विरोध करता रहा है, जिसके तहत असहनीय मूल्य वृद्धि, बेरोजगारी के साथ-साथ विरोध की हर आवाजों के खिलाफ बुलडोजिंग मानसिकता का उपयोग करके कल्याणकारी राज्य की अवधारणा और लोकतंत्र का गला घोंटा जा रहा है. देव ने कहा कि इसी कड़ी में, “अग्निपथ योजना”विनाशकारी परिणामों के साथ राष्ट्र को अनिश्चित भविष्य में ले जाने का एक और कदम है. समाज के विभिन्न वर्गों के साथ “संयुक्त किसान मोर्चा”भी आंदोलनकारी युवाओं के समर्थन में आया है. उन्होंने 24 जून के राष्ट्रव्यापी विरोध दिवस का समर्थन किया.

