
Ranchi: गुमला के बिशुनपुर सहकारिता बैंक में तीन वर्ष पहले हुए करीब पांच करोड़ रुपये के गबन में सीआइडी ने तत्कालीन ब्रांच मैनेजर मनोज कुमार गुप्ता पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. सीआइडी द्वारा शुरू की गयी जांच में बिशुनपुर ब्रांच मैनेजर पर लगाये गये आरोप के तार जुड़ते जा रहे हैं.
सूत्रों के अनुसार इस पूरे गबन में दो लोगों की मुख्य भूमिका थी, जिसमें से ब्रांच मैनेजर का नाम साजिशकर्ता के रूप में सामने आया था और उनका साथ देने वाले एक कर्मचारी भी था. फिलहाल आरोप गठित होने के बाद मनोज कुमार गुप्ता निलंबित हैं और साथ देने वाले कर्मचारी पर भी विभागीय कार्रवाई चल रही है. चल रही जांच में कई और अधिकारियों के नाम से नकाब उठ सकता है.
इसी की दूसरी कड़ी में सरायकेला ब्रांच में भी हुए करीब तीन करोड़ के गबन की जांच सीआइडी और एसीबी मिलकर कर रही है, जिसमें कुछ मामलों में सीआइडी की टीम जांच में जुटी है, जबकि कुछ मामलों में एसीबी की टीम जांच कर रही है.
मालूम हो कि सहकारिता बैंक में अभी तक 38 करोड़ का घोटाला सामने आ चुका है, जिसमें कई अधिकारियों व कर्मचारियों की गिरफ्तारी भी हो चुकी है.
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सहकारिता बैंक में अब आंतरिक ऑडिट से पकड़ी जायेगी गड़बड़ी
सहकारिता बैंक में अभी तक जो भी ऑडिट होती रही है उसे सरकार की ओर से ही कराया गया है. लेकिन अब सहकारिता बैंक की ऑडिट आंतरिक स्तर से करायी जायेगी. इसकी शुरुआत झारखंड सहकारिता बैंक के मुख्य ब्रांच से शुरू भी कर दी गयी है.
इसके लिए विशेष टीम का गठन भी किया गया है जिसके माध्यम से पिछले पांच वर्षों का भी ऑडिट किया जा रहा है. इसमें कई नयी चीजें सामने आयी हैं जिसकी दोबारा बारीकी से जांच की जा रही है. विभाग की ओर बताया गया कि इसमें जो भी लोग संलिप्त होंगे उन पर विधिसंगत कार्रवाई की जायेगी.