
New Delhi: पीएनबी घोटाले के आरोपी मेहुल चोकसी ने भारत सरकार की मुश्किलें बढ़ा दी है. चोकसी को वापस भारत लाने की कोशिशों को भी बड़ा झटका लगा है. दरअसल, मेहुल ने भारतीय पासपोर्ट सरेंडर कर दिया है. और स्वंय को एंटीगुआ का नागरिक बताया है. यानी सरल शब्दों में समझे तो चोकसी ने भारत की नागरिकता छोड़ दी है. उन्होंने एंटीगुआ हाई कमिशन में अपना पासपोर्ट जमा करवा दिया है.
एंटीगुआ उच्चायोग में सरेंडर किया पासपोर्ट
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार उसने अपने भारतीय पासपोर्ट को एंटीगुआ उच्चायोग में जमा करवा दिया है. चोकसी ने अपने पासपोर्ट नंबर जेड 3396732 को कैंसिल्ड बुक्स के साथ जमा करा दिया है. साथ ही नागरिकता छोड़ने के लिए उसने इसकी फीस कुल 177 डॉलर भी जमा करवाई. इस बारे में विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव अमित नारंग ने गृह मंत्रालय को सूचना दे दी है. नागरिकता छोड़ने वाले फॉर्म में चोकसी ने अपना नया पता जौली हार्बर सेंट मार्कस एंटीगुआ बताया है.


उल्लेखनीय है कि कल ही मेहुल चोकसी के प्रत्यर्पण मामले को लेकर सुनवाई होनी थी, लेकिन उससे पहले ही भारतीय नागरिकता छोड़ने से मेहुल को अब भारत लाना केंद्र सरकार के लिए मुश्किल हो गया है.


इधर पीएमओ ने चोकसी के नागरिकता छोड़ने के मामले में विदेश मंत्रालय और जांच एजेंसियों से प्रगति रिपोर्ट मांगी है. ज्ञात हो कि साल 2017 में चोकसी ने एंटीगुआ की नागरिकता ली थी. उस समय भारत ने इसपर कोई आपत्ति नहीं जताई थी.
पीएनबी घोटाले के खुलासे से पहले छोड़ा था देश
गौरतलब है कि पीएनबी घोटाले का खुलासा होने से पहले ही मेहुल चोकसी और उसके भांजे नीरव मोदी ने देश छोड़ दिया था. पूरे घोटाले की जांच का जिम्मा प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआई पर है. अभी तक दोनों की चार हजार करोड़ की अचल संपत्ति जब्त की जा चुकी है. मेहुल चोकसी के खिलाफ पहले ही इंटरपोल का नोटिस जारी किया हुआ है, भारत की कई एजेंसियां लगातार उसकी तलाश कर रही थीं. दोनों के खिलाफ आर्थिक भगोड़ा अधिनियम के तहत कार्रवाई की जा रही है.
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