
Chennai : चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग दो दिवसीय भारत दौरा खत्म करने के बाद नेपाल के लिए रवाना हो गये. वह महाबलीपुरम में पीएम नरेंद्र मोदी के साथ दूसरे अनौपचारिक शिखर सम्मेलन के लिए दो दिवसीय भारत के दौरे पर थे. विदेश सचिव विजय गोखले ने शनिवार को प्रेस कांफ्रेस कर शी जिनपिंग के भारत दौरे के बारे में विस्तार से जानकारी दी. विदेश सचिव के अनुसार बातचीत के दौरान कश्मीर मुद्दे का जिक्र नहीं हुआ. वेसे दोनों देशों ने आतंकवाद और कट्टरपंथ पर चर्चा की और इससे निपटने के उपायों पर बातचीत हुई.
दोनों नेताओं की बातचीत में कश्मीर के मुद्दे का न उठना भारत सरकार की बड़ी कूटनीतिक जीत माना जा रहा है. इससे पहले आशंका जताई जा रही थी कि कश्मीर मुद्दे के कारण दोनों नेताओं की बातचीत पटरी से उतर सकती है. इस आशंका को उस समय और बल मिला था, पाक पीएम इमरान खान के साथ बैठक के बाद चीने कश्मीर पर यूएन चार्टर का अनुसरण करने की मांग की थी.
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Foreign Secretary Vijay Gokhale: This(Kashmir) issue was not raised and not discussed. Our position is anyways very clear that this is an internal matter of India. #Modixijinping pic.twitter.com/6tULNNCLRA
— ANI (@ANI) October 12, 2019
कश्मीर पूरी तरह भारत का आंतरिक मामला
विदेश सचिव ने बताया कि दोनों नेताओं की लंबी बातचीत के दौरान एक बार भी कश्मीर मुद्दे पर चर्चा नहीं हुई. दोनों देशों ने आतंकवाद का मिलकर सामना करने की बात कही थी. जान ले कि भारत ने भी पहले ही तय कर लिया था कि कश्मीर भारत का आतंरिक मामला है, ऐसे में वह इस मुद्दे पर चीनी नेता के सामने बात नहीं करेगा. अगर चीनी राष्ट्रपति इसका जिक्र करते तो पीएम मोदी इस पर भारत के रुख से उन्हें स्पष्ट करा देते.
गोखले ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि किसी भी स्थिति में हमारा रुख साफ है कि कश्मीर पूरी तरह भारत का आंतरिक मामला है. गोखले ने कहा कि दोनों नेता इस बात पर भी सहमत हुए कि आतंकवाद और कट्टरवार की चुनौतियों का सामना करना जरूरी है. दोनों देश न सिर्फ क्षेत्रफल के हिसाब से बल्कि जनसंख्या के हिसाब से भी काफी बड़े हैं.
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शी जिनपिंग ने प्रधानमंत्री मोदी को चीन आने का न्योता दिया
विदेश सचिव ने कहा कि आज दोनों नेताओं के बीच लगभग 90 मिनट तक वन टू वन बातचीत हुई. इस क्रम में प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता भी हुई. प्रधानमंत्री मोदी ने शी जिनपिंग के लिए लंच की मेजबानी की. इस शिखर बैठक के दौरान दोनों नेताओं के बीच लगभग छह घंटे वन टू वन बैठक हुई. गोखले ने बताया कि जिनपिंग ने भारत में हुए भव्य स्वागत के लिए धन्यवाद कहा.
दोनों देशों के बीच व्यापार पर चर्चा हुई. जिनपिंग ने अपने दौरे को यादगार करार दिया. भारत-चीन के बीच आगे भी अनौपचारिक बातचीत होती रहेगी. कहा कि अगले साल दोस्ती के 70 साल होंगे. इस मौके पर 70 कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे. भारत आये शी जिनपिंग ने प्रधानमंत्री मोदी को चीन आने का न्योता दिया, जिसे प्रधानमंत्री ने स्वीकार कर लिया है.
चीन कैलाश मानवसरोवर यात्रियों को सुविधा देगा
विजय गोखले ने कहा, अगली अनौपचारिक बैठक चीन में होगी. जिसकी तारीखों का एलान बाद में किया जायेगा. भारत-चीन के बीच व्यापार, निवेश और सेवाओं पर चर्चा के लिए एक नये तंत्र की स्थापना की जायेगी. चीन का प्रतिनिधित्व जहां वाइस प्रीमियर हु चुन्हुआ करेंग, वहीं भारत का प्रतिनिधित्व विदेश मंत्री निर्मला सीतारम करेंगी. दोनों देशों के बीच जनता के बीच संबंधों पर ध्यान दिये जाने पर चर्चा हुई.
तय किया गया कि दोनों देशों की जनता को इस रिश्ते में लाया जायेगा. इसे लेकर विचारों का आदान-प्रदान किया गया. चीन कैलाश मानवसरोवर यात्रियों को सुविधा देगा. भारत ने चीन को दवा और आईटी क्षेत्र में निवेश का न्योता दिया है.
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