
Ranchi: बच्चों के कल्याण के लिए काम करने वाली संस्था सेव द चिल्ड्रन के तत्वावधान में हाल ही में एक लेखन कार्यशाला का आयोजन किया गया था. इस कार्यशाला में बच्चों ने जाना कि अपने आसपास के मुद्दों को किस तरह खबर के रूप में कैसे लिखा जाये. इस कार्यशाला में रंजीता प्रधान, श्यामलाल बोदरा, सोमा बोदरा, नामसी बोदरा, अजय गोप और सृष्टि रानी शामिल थीं. ये किशोर-किशोरियां 9वीं से 12वीं के विद्यार्थी हैं, जो गुमला और चक्रधरपुर के निवासी हैं.
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चार बच्चियों को बाल मजदूरी के दलदल से बचाया गया


पश्चिम सिंहभूम के जुरका गांव में बाल मजदूरी एक बड़ी समस्या है. इसकी वजह यह है कि गांव के लोगों की आर्थिक स्थिति काफी खराब है. दूसरी ओर उन्हें यह भी नहीं पता कि बाल मजदूरी कराना अपराध है. गांव के लोग यही समझते हैं कि बच्चे भी काम करेंगे तो परिवार को थोड़ा सहारा मिल जाएगा.


अभी कुछ दिनों पूर्व गांव की चार बच्चियों को बाल मजदूरी के दलदल से बचाया गया. इन बच्चियों के माता-पिता ने उन्हें काम करने के लिए शहर भेज दिया था. ये बच्चियों जहां पर काम काम कर रही थी वहां उनके साथ अच्छा व्यवहार नहीं होता था. इस बात की जानकारी मिलने पर उन्हें पुलिस की मदद से बचाया गया.
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बच्चों को रेस्क्यू कराने के बाद सेव द चिल्ड्रन की ओर से उन्हें 6 माह का सिलाई कढ़ाई का नि:शुल्क प्रशिक्षण दिया गया. अब बच्चियां गांव में ही है. खुद सिलाई करती हैं और अपनी पढ़ाई भी कर रही हैं.
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