
Ranchi: चेंबर प्रतिनिधियों ने आज मुख्यमंत्री से भेंट की, जिसमें मुख्य रूप से व्यापार व उद्योग के मुद्दों पर चर्चा हुई. चेंबर प्रतिनिधियों ने बैठक को काफी साकारात्मक बताया. चेंबर ने इस दौरान बंद उद्योगों, कच्चे माल की उपलब्धता आदि विषयों पर चर्चा की.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य में 600 से अधिक बंद पडे उद्योगों को पुर्नजीवित करने के लिए स्वतः संज्ञान लेकर सरकार सूची बना रही है. उनके रिवाइवल के लिए सरकार हर संभव सहयोग के लिए प्रतिबद्ध है. राज्य में पर्यटन विकास के मुद्दों पर भी उन्होंने वार्ता की और कहा कि राज्य के प्रमुख पर्यटन स्थलों पर होटल निर्माण सहित अन्य प्रोजेक्ट लगाने में सरकार उद्यमियों के साथ फ्लेक्सिबल है. टूरिज्म नीति के तहत ऐसे उद्यमियों को हरसंभव सहयोग किया जायेगा. उन्होंने प्रदेश में राइस मिलों को भी और बढ़ाने पर जोर दिया.
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मंदी, महामारी की मार अभी भी
चेंबर अध्यक्ष प्रवीण जैन छाबडा ने मुख्यमंत्री से कहा कि कोविड-19 के कारण महामारी, मंदी और महंगाई को लेकर चिंताएं अभी भी हैं. सरकार और स्टेकहोल्डर्स आपसी समन्वय से विकास कार्यों को गति दें. तब राज्य की आर्थिकी निश्चित ही बढोत्तरी की राह पर अग्रसर होगी.
मुलाकात के क्रम में चैंबर द्वारा कई विभागों उद्योग, विद्युत, परिवहन, स्टार्टअप्स, नगर निगम, लॉ एण्ड आर्डर, ट्राफिक एवं भूमि सुधार से संबंधित समस्याओं को मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तुत कर वार्ता की गई. चैंबर द्वारा वर्तमान में कार्यशील सभी औद्योगिक क्षेत्रों की आधारभूत संरचना को विकसित करने और एमएसएमई मैनुफैक्चरिंग सेक्टर व स्टार्टअप्स के लिए सभी जिलों में 25 एकड़ अतिरिक्त लैंड बैंक विकसित करने का सुझाव दिया गया.
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पॉलिसी लांगटर्म के लिए बनें
चेंबर ने कहा कि औद्योगिक पॉलिसी का निर्माण केवल पांच वर्ष के लिए करने पर कठिनाई होती है. ऐसे में पॉलिसी का निर्माण लांगटर्म के लिए किया जाये. यह भी कहा गया कि केंद्र सरकार के बजट में प्रस्तुत 7 मेगा इन्वेंस्टमेंट टेक्सटाइल पार्कों की योजना के तहत संताल परगना में एक टेक्सटाइल पार्क की स्थापना का प्रयास करना चाहिए.
प्रतिनिधिमण्डल ने राज्य में माइनिंग पॉलिसी व आंध्र प्रदेश, राजस्थान की तर्ज पर माइका खनन पॉलिसी का निर्माण करने का भी सुझाव दिया. स्टार्टअप की समस्याओं पर कहा गया कि राज्य सरकार की ओर इनोवेशन लैब के कार्यरत नहीं रहने के कारण प्रदेश के कुल 107 स्टार्टअप्स फंडिंग के अभाव में अपने कार्यों को गति नहीं दे पा रहे है.
इस दौरान किशोर मंत्री, महासचिव राहुल मारू, कोषाध्यक्ष परेश गट्टानी समेत अन्य लोग मौजूद रहे.
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