
Kumar Kamesh
Dhanbad: सेल की चासनाला कोलियरी में पिछले दिनों हुए खान हादसे में महताब आलम नाम के सुपरवाइजर की मौत हो गयी थी. इस मामले में रांची से आयी सेल की इंटरनल टीम ने अपनी शुरुआती जांच रिपोर्ट सौंप दी है. अपनी जांच रिपोर्ट में टीम ने बताया है कि खान के अंदर किसी तरह की रूफ फॉलिंग नहीं हुई है.
जबकि इसी रिपोर्ट में बताया गया है कि घटनास्थल पर कोयले का अंबार लगा हुआ है. कोयले के ढेर के कारण रास्ता बंद है जिस कारण जांच टीम अंदर नहीं जा पायी. ऐसे में सवाल यह उठता है कि जब रूफ फॉलिंग नहीं हुई तो रास्ते पर कोयले का अंबार कैसे लग गया?
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बगैर सेफ्टी बेल्ट के ही ऊपर चढ़ गया था महताब
जब ठेका कर्मी महताब की मौत हुई थी, उस समय श्याम सुंदर मुंडा भी वहीं मौजूद थे. वे बताते हैं कि हमलोग भगवान भरोसे ही बच पाये. श्याम सुंदर मुंडा बताते हैं कि जिस स्थान पर हादसा हुआ था वह चासनाला खान के 12 नंबर सीम की LT- 3ए की गैलरी है. वहांं पर उत्पादित कोयले को खान के अंदर डंपिंग तक पहुंचाने के लिए कोल ट्यूब के बदले पानी के प्रेशर से कोयले को ठेलकर नीचे गिराने का काम किया जा रहा था.
वह गैलरी जाम थी और महताब बगैर सेफ्टी बेल्ट के ही उसे साफ करने के लिए ऊपर चढ़ गया. वहां कोई अधिकारी तैनात नहीं थे. जबकि यह काम अधिकारी की मौजूदगी में करना था. श्याम सुंदर मुंडा ने बताया कि इस दौरान पानी का प्रेशर ज्यादा खुल गया. जिस कारण कोयला नीचे गिरने लगा और पल भर में ही महताब उसमें दब गया. उन्होंने बताया कि महताब के शव को निकालने के लिए 70 बॉक्स से ज्यादा कोयले का अंबार हटाना पड़ा था.
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प्रत्यक्षदर्शी के बयान से मेल नहीं खाता सहायक महाप्रबंधक का बयान
इस संबंध में सेल चासनाला के सहायक महाप्रबंधक कार्मिक एवं प्रशासन अजय कुमार ने कहा कि 22 मई की रात 8.30 बजे मेसर्स कोल माइनिंग डेवलपमेंट के ठेका सुपरवाइजर मुंशी महताब आलम अपनी टीम के साथ खदान की ढलान में जाम कोयला को हटाने के तरीके बता रहे थे. इसी बीच उन्होंने संतुलन खो दिया. खिसकते हुए वे कोयले की चपेट में आ गये. इससे उनकी मौत घटनास्थल पर ही हो गयी.
सहायक महाप्रबंधक का बयान प्रत्यक्षदर्शी श्याम सुंदर मुंडा के बयान से बिल्कुल ही मेल नहीं खाता है. जबकि खान मैनुअल के हिसाब से मैनपावर को उस स्थान पर भेजना लापरवाही है. महताब का शव चिमनी कोयले के साथ लोडिंग प्वाइंट में जाकर गिर गया था. उक्त स्थान पर काफी कोयला रहता है, जिसे पानी के प्रेशर से लोडिंग प्वाइंट तक भेजा जाता है. ऐसे में यह प्रश्न उठता है कि महताब उस स्थान तक कैसे पहुंच गया?
सेल प्रबंधन के अनुसार जिस स्थान से महताब के गिरने की बात कही जा रही है, वह स्थान खान के सुरक्षा मानकों पर सबसे सुरक्षित स्थान है. वहांं इस तरह का हादसा तभी हो सकता है जब कोई जान बूझ कर उस स्थान पर जाये या कोई उसकी हत्या कर शव को वहांं फेंक दे. ऐसे में सेल प्रबंधन के इस जवाब पर भी कई तरह के सवाल उठने लगे हैं.
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